भूख लगी, तो कुछ भी खा लिया और कैसे भी खा लिया। लेकिन क्या आपने सोचा है कि जिस तरीके से आप भोजन करते हैं, वह कितना सही है? अगर नियमानुसार भोजन करेंगे, तो धार्मिक दृष्टि से तो लाभ होगा ही स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। हिंदू धर्मशास्त्रों में अन्न को देवता माना गया है। शास्त्रानुसार, जो व्यक्ति अन्न का अनादर करता है या नियमानुसार भोजन नहीं करता, उससे अन्न देवता रुष्ट हो जाते हैं। शास्त्रों में भोजन करने के कुछ जरूरी नियम बताए गए हैं। जो व्यक्ति इन नियमों का पालन करता है, वह स्वस्थ भी रहता है और देवता भी प्रसन्न रहते हैं।
मान्यता है कि हमें बिना नहाये भोजन नहीं करना चाहिए। इससे भोजन शरीर को लगता नहीं है और अन्न देव भी रुष्ट होते हैं। ऐसे जातक, जो बिना हाथ-मुंह धोए, बिना नहाये या गंदे स्थान पर बैठकर भोजन करते हैं, हमेशा आर्थिक परेशानियों से जूझते रहते हैं और अन्न की कमी हमेशा बनी रहती है, स्वास्थ्य भी खराब रहता है।
शास्त्रों में भोजन करने का सबसे उपयुक्त स्थान जमीन को बताया गया है। बिस्तर, कुर्सी, सोफा आदि पर बैठकर भोजन करना धार्मिक दृष्टि से गलत माना गया है। भोजन पकाने के बाद पहली रोटी गाय के लिए अवश्य निकालनी चाहिए। अगर नहीं निकाल पाते हैं, तो भोजन शुरू करने से पहले, पहला ग्रास भगवान के नाम का निकालना चाहिए और उनका धन्यवाद देकर ही भोजन शुरू करना चाहिए।
जब भी हम भोजन करते हैं, तो उसका कुछ अंश नीचे जमीन पर गिर जाता है और हम इस ओर ध्यान नहीं देते हैं। जमीन पर गिरा भोजन पैरों के नीचे आता रहता है, जो गलत है। धार्मिक दृष्टि से अन्न का पैरों के नीचे आना अच्छा नहीं माना जाता है। भोजन करने के दौरान जो भी अन्न नीचे गिर जाए, उसे उठाकर रख लें और चिड़िया या चींटी को डाल दें। अगर नहीं डाल पा रहे हैं, तो उसे साफ स्थान पर रख दें।
कई बार भूख से ज्यादा भोजन अपनी प्लेट में डाल लेते हैं और भोजन बच जाता है। थाली में बचा झूठा भोजन, वास्तु व ज्योतिषशास्त्र के हिसाब से सही नहीं माना जाता। कहते हैं थाली में भोजन छोड़ने से देवी लक्ष्मी घर से दूर चली जाती हैं और धन आगमन बाधित होता है। बचे हुए भोजन को किसी जानवर को खिला देना सही है, इसे कचरे में फेंकने या अपवित्र स्थान पर रखने, घर खड़े-खड़े भोजन करने, जूते पहनकर खाने, सिर ढककर भोजन करने से आयु कम होती है।यूनिवर्सिटी ऑफ कैर्लिफोर्निया के एक शोध के मुताबिक, भोजन करने के तुरंत बाद सोने, व्यायाम करने, घूमने, धूम्रपान आदि करने से कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इससे पेट में अपच, पेट का बढ़ना, वजन बढ़ना, गैस बनना, सिरदर्द, बैचेनी जैसी समस्या होती है।
भोजन करते समय पानी पीना भी स्वास्थ्य की दृष्टि से सही नहीं होता। इससे हमें पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती और पाचन तंत्र पर भी बुरा असर होता है। फ्रिज में रखे हुए या बासी भोजन को भी नहीं खाना चाहिए। इसमें कई तरह के बैक्टीरिया और वायरस पनप जाते हैं, जो हमें बीमार बनाते हैं।
भोजन करने के बाद तुरंत टहलना शुरू कर देते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह गलत है। दोपहर को भोजन करने के बाद कुछ देर आराम करना चाहिए। हां, शाम का भोजन करने के बाद कुछ देर टहलना सही रहता है। मगर खाने के आधे घंटे बाद ही टहलना चाहिए। साथ ही रात के भोजन और सोने के बीच कम से कम दो घंटे का अंतर रखना जरूरी है।
अगर आप किसी भी प्रकार की जानकारी चाहते है तो संपर्क करे हमारे विशेषज्ञ पंडित जी से | अगर किसी भी तरह की परेशानी है, जिस से आप मुक्ति चाहते है,या आपके जीवन, कुंडली से सम्बंधित जानकारी चाहते है, तो सलाह ले हमारे जाने माने ज्योतिषीय सलाहकारों से कॉल करे (Call Us) +91 9009444403 या हमे व्हाट्सएप्प (Whatsapp) पर सन्देश (Message) भेजे एवं जानकारी प्राप्त करे |
नोट:- सलाह शुल्क सिर्फ ५०० रुपये| (Consultancy Fee Rs 500)