आमतौर पर लोग मंत्रो को मात्र कुछ शब्दों की तरह देखते हैं परन्तु वो यह नहीं जानते की इन मन्त्रों की तरंगों में बहुत ताकत होती है। यह कुछ ऐसे-वैसे शब्द नहीं हैं। इन्हे हमारे ऋषि-मुनियों ने सालों
की ध्यान साधना द्वारा प्राप्त किया है। मन्त्रों के श्रवण मात्र से हमारी चेतना जाग उठती है- यह महिमा है मन्त्रों की।
ये मन्त्र अंतर्ज्ञान के स्तर से आये हैं, शुद्ध चेतना से आये हैं। देखिये, यदि आप बैठ कर सोचेंगे और फिर कुछ करेंगे, और कुछ शब्दों को जोड़कर उन्हें अर्थ देंगे, तो वो एक अलग बात हो जाती है। लेकिन, ऐसा कुछ जो आपके अंदर से आता है, जैसे कोई कविता, जैसे अंतर्ज्ञान, तब उसका विस्तार हो सकता है और आने वाली पीढ़ियों में उसे और अधिक जाना जा सकता है। और जब जब आप उसका विश्लेषण करेंगे, तो कोई न कोई नया अर्थ सामने आएगा और इन्ही को मन्त्र कहते हैं।
‘मननत त्रायते इति मन्त्रः’ – जब आप इस पर मनन करते हैं, तो आपकी ऊर्जा बढ़ती है। ऐसा कहा गया है-मन्त्रों के अर्थ ज़रूर होते हैं, लेकिन इनका अर्थ केवल हिमशिला के कोने जैसा है। अर्थ इतना ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है, जितना इन मन्त्रों की तरंगों को महसूस करना है।
ब्रह्माण्ड में हर वस्तु दूसरी किसी भी वस्तु को अपनी और आकर्षित करती है। जब आप मंत्रोचारण या हवन करते हैं तों उसका वातावरण पर अत्यंत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मन्त्रों के उच्चारण द्वारा वातावरण में सकारात्मक तरंगे फैलती है और उनका श्रवण करने से मन शांत होता है।
जब हम गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हैं, क्या उसका कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, या केवल भाव ही महत्वपूर्ण है?
श्री श्री रविशंकर: हाँ, पूरे भाव के साथ उच्चारण करिये, वही काफी है।
आपको कोई सज़ा नहीं मिलेगी। अगर कोई कुछ कहता भी है, तो उनसे कहिये कि आपके पास एक वकील है। अगर कुछ होता है, तो मैं आपका वकील बन जाऊँगा। बहुत से पंडित लोगों में ये भ्रान्ति पैदा कर देते हैं, कि कुछ हो जाएगा। या महिलाओं को गायत्री मंत्र का उच्चारण नहीं करना चाहिये। ये सब गलत है, ऐसा कुछ भी नहीं है। इसे प्रेम से जपिये, डर से नहीं ।
– Book your pandit ji for any puja service
– Consult with your Pandit Ji free before booking
– 10,000+ Happy Customers
– Call or whatsapp on +91 – 9009444403
– www.mypanditg.com