ज्योतिष में राशियों का विशेष महत्व है. राशि से व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में जाना जा सकता है. आइए जानते हैं हर राशि के लिए कौन सी राशियां अनुकूल नहीं होती हैं

मेष- मेष राशि के जातकों के लिए मिथुन, कन्या और वृष राशि के लोग बहुत अनुकूल नहीं होते. इन राशि वालों से इनको धोखा मिलने की सम्भावना होती है. आम तौर पर इनको धन के मामले में या धन के लेन देन में धोखा मिलने की सम्भावना होती है. धोखे से बचने के लिए इनको नित्य भगवान गणेश को दूब अर्पित करनी चाहिए.

वृष– वृष राशि के जातकों को धनु, मीन और मेष राशि के लोगों से धोखा मिलने की सम्भावना होती है. इनको विवाह और प्रेम के मामले में धोखा मिलने के योग होते हैं. धोखे से बचने के लिए इनको नित्य प्रातः सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए.

मिथुन– मिथुन राशि के जातकों को मेष, वृश्चिक और सिंह राशि अनुकूल नहीं होती, यहाँ से इनको धोखा मिल सकता है. इनको आम तौर पर धोखा संपत्ति और वाहन के मामले में मिलता है. इससे बचने के लिए इनको नियमित रूप से हनुमान जी को लाल फूल अर्पित करना चाहिए.

कर्क– कर्क राशि के जातकों को मिथुन, कन्या और कुम्भ राशि के लोगों से धोखा मिलने की सम्भावना होती है. इनको आम तौर पर कारोबार और नौकरी में धोखा मिलने की सम्भावना होती है. अगर कर्क राशि के लोग नित्य भगवान शिव की आराधना करें तो धोखे से बच सकते हैं.

सिंह– सिंह राशि के जातकों को वृष, तुला और मकर राशि के लोगों से धोखा मिलने की सम्भावना होती है. इनको विवाह और संतान के मामलों में धोखा मिलने की सम्भावना बनती है. इससे बचने के लिए इनको नित्य प्रातः सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए.

कन्या– कन्या राशि के जातकों को मेष, वृश्चिक और धनु राशि के लोगों से धोखा मिलने की सम्भावना बनती है. इनको धोखा, धन और धन के लेन देन के मामले में होने की सम्भावना बनती है. इससे बचने के लिए इनको हनुमान चालीसा का नित्य प्रातः पाठ करना चाहिए.

तुला– तुला राशि के जातकों को वृश्चिक, धनु और मीन राशि के लोगों से धोखा मिलने की सम्भावना बनती है. इनको धोखा आम तौर पर संपत्ति और प्रेम के मामलों में मिलने की सम्भावना होती है. इससे बचने के लिए इनको नियमित रूप से भगवान कृष्ण की आराधना करनी चाहिए.

वृश्चिक– वृश्चिक राशि के जातकों को मिथुन, कन्या, तुला राशि के लोगों से धोखा मिलने की सम्भावना होती है. इनको आम तौर पर नौकरी और कारोबार में धोखा मिलने की सम्भावना बनती है. इससे बचने के लिए इनको नित्य प्रातः सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए.

धनु– धनु राशि के जातकों को वृष,कन्या,और मकर राशि के लोगों से धोखा मिलने की सम्भावना होती है. इनको आम तौर पर व्यवसाय में या जमीन जायदाद में धोखा मिलने की सम्भावना होती है. इससे बचने के लिए इनको भगवान शिव को नियमित जल अर्पित करना चाहिए.

मकर– मकर राशि के जातकों को कर्क, सिंह और वृश्चिक राशि के जातकों से धोखा मिलने की सम्भावना होती है. आम तौर पर इनको भावनात्मक धोखा मिलता है जैसे विवाह और प्रेम के मामलों में. इससे बचने के लिए इनको शुक्ल पक्ष में चन्द्रमा को अर्घ्य देना चाहिए.

कुम्भ राशि– कुम्भ राशि के जातकों को मेष,धनु और मीन राशि के जातकों से धोखा मिलने की सम्भावना होती है. इनको धोखा धन और रूपये पैसे के मामले में ही मिलता है. इससे बचने के लिए इनको पीपल के नीचे शनिवार को दीपक जलाना चाहिए.

मीन– मीन राशि के जातकों को वृष,तुला और कुम्भ राशि के जातकों से धोखा मिलने की सम्भावना होती है. आम तौर पर इनको प्रेम और विवाह के मामलों में धोखा मिलता है. इससे बचने के लिए इनको नित्य प्रातः पौधों में जल डालना चाहिए.

अगर आप किसी भी प्रकार की जानकारी चाहते है तो संपर्क करे हमारे विशेषज्ञ पंडित जी से | अगर किसी भी तरह की परेशानी है, जिस से आप मुक्ति चाहते है,या आपके जीवन, कुंडली से सम्बंधित जानकारी चाहते है, तो सलाह ले हमारे जाने माने ज्योतिषीय सलाहकारों से कॉल करे (Call Us) +91 9009444403 या हमे व्हाट्सएप्प (Whatsapp) पर सन्देश (Message) भेजे एवं जानकारी प्राप्त करे |

नोट:- सलाह शुल्क सिर्फ ५०० रुपये| (Consultancy Fee Rs 500)


पीपल का वृक्ष हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र माना जाता है. मुख्य रूप से इसको भगवान विष्णु का स्वरूप मानते हैं. इसके पत्तों, टहनियों यहां तक कि कोपलों में भी देवी-देवताओं का वास माना जाता है. कहा जाता है कि पीपल के मूल में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और शीर्ष में शिव जी निवास करते हैं.

शाखाओं, पत्तों और फलों में सभी देवताओं का निवास होता है. यह प्राकृतिक और आध्यात्मिक रूप से इतना महत्वपूर्ण है कि भगवान कृष्ण गीता में कहते हैं कि, “वृक्षों में मैं पीपल हूं”. वैज्ञानिक रूप से पीपल इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह बहुत ऑक्सीजन पैदा करता है.

पीपल के वृक्ष से शनि का सम्बन्ध क्या है?

– पीपल के वृक्ष के गुण शनि से काफी मिलते जुलते हैं.

– इसके अलावा पीपल को शनि के ईष्ट श्री कृष्ण का स्वरूप माना जाता है.

– पीपल से सम्बन्ध रखने वाले पिप्पलाद मुनि ने ही शनि को दंड दिया था.

– तबसे माना जाता है कि, पीपल की वृक्ष की पूजा करने से शनि की पीड़ा शांत होती है.

– पीपल के वृक्ष की उपासना किसी भी रूप में करने से शनि कृपा करते हैं.

पीपल की पूजा से शनि की किन किन समस्याओं में लाभ होता है?

– अगर अल्पायु का योग है तो वह योग समाप्त होता है.

– अगर रोग और लम्बी बीमारी का योग है तो वह भी दूर हो जाता है.

– वंश वृद्धि की समस्या और संतान की समस्याओं का निवारण हो जाता है.

– इसको लगाने और संरक्षण करने से शनि की दशाओं का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता.

पीपल और शनि शान्ति के उपाय-

– संतान प्राप्ति का उपाय.

– एक पीपल का वृक्ष लगवाएं.

– उसमे जल डालें, और उसकी रक्षा करें.

– हर शनिवार को इसके नीचे खड़े होकर शनि मन्त्र का जाप करें.

शनि पीड़ा से मुक्ति के लिए-

– पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल के दीपक हर शनिवार को जलाएं.

– इसके बाद वृक्ष की नौ बार परिक्रमा करें.

– “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें.

नियमित धन लाभ के लिए-

– शनिवार को पीपल का एक पत्ता उठा लाएं.

– उस पर सुगंध लगाएं.

– पत्ते को अपने पर्स में रख लें.

– हर महीने पत्ते को बदल लें.

अगर आप किसी भी प्रकार की जानकारी चाहते है तो संपर्क करे हमारे विशेषज्ञ पंडित जी से | अगर किसी भी तरह की परेशानी है, जिस से आप मुक्ति चाहते है,या आपके जीवन, कुंडली से सम्बंधित जानकारी चाहते है, तो सलाह ले हमारे जाने माने ज्योतिषीय सलाहकारों से कॉल करे (Call Us) +91 9009444403 या हमे व्हाट्सएप्प (Whatsapp) पर सन्देश (Message) भेजे एवं जानकारी प्राप्त करे |

नोट:- सलाह शुल्क सिर्फ ५०० रुपये| (Consultancy Fee Rs 500)