इन कारणों से की जाती है नारायण नागबली पूजा
इन कारणों से की जाती है नारायणबलि पूजा जिस परिवार के किसी सदस्य या पूर्वज का ठीक प्रकार से अंतिम संस्कार, पिंडदान और तर्पण नहीं हुआ हो उनकी आगामी पीढि़यों में पितृदोष
उत्पन्न होता है। ऐसे व्यक्तियों का संपूर्ण जीवन कष्टमय रहता है, जब तक कि पितरों के निमित्त नारायणबलि विधान न किया जाए। प्रेतयोनी से होने वाली पीड़ा दूर करने के लिए नारायणबलि की जाती है। परिवार के किसी सदस्य की आकस्मिक मृत्यु हुई हो। आत्महत्या, पानी में डूबने से, आग में जलने से, दुर्घटना में मृत्यु होने से ऐसा दोष उत्पन्न होता है।
2020 – में नारायण नागबलि पूजा के शुभ दिन एवं मुहूर्त इस प्रकार हैं :-
जनवरी – 4, 8, 12, 17, 22, 25
फरवरी – 1, 4, 8, 11, 14, 18, 21, 28
मार्च – 3, 7, 13, 17, 20, 27, 31
अप्रैल – 3, 6, 9, 12, 16, 23, 26, 30
मई – 3, 6, 9, 13, 20, 23, 27, 30
जून – 2, 6, 10, 16, 20, 24, 28
जुलाई – 3, 7, 14, 18, 21, 27, 30
अगस्त – 3, 10, 14, 17, 26, 31
सितम्बर – 5, 8, 11, 14, 17, 20, 23, 27
अक्टूबर – 3, 7, 11, 14, 20, 24, 31
नवम्बर – 3, 7, 10, 17, 20, 27, 30
दिसम्बर – 5, 8, 11, 15, 18 , 24, 28
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