हरतालिका तीज एक बड़े भक्ति भाव से मनाया जाने वाला त्योहार है। इसे विवाहित जीवन में खुशियाँ, शांति, और समृद्धि पाने के लिए मनाया जाता है। यहां हरतालिका तीज की तिथि, पूजा विधि, शुभ समय, पूजन सामग्री, और महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।

हरतालिका तीज 2023 की तिथि:

इस वर्ष, हरतालिका तीज [तिथि] को है। इस अद्वितीय दिन को मनाने के लिए पूजा विधि, शुभ समय, और आवश्यक वस्त्र की समझ होना महत्वपूर्ण है।

हरतालिका तीज के मंत्र:

  1. ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय:

‘ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करने से आपके घर में खुशियाँ, शांति, और आर्थिक समस्याओं का समाधान हो सकता है।

  1. महा मृत्युंजय मंत्र:

‘ऊं त्रयम्बकं यजामहे, सुगन्धिं पुष्टिवर्धनं उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मोक्षिय मामृतात्।’

इस शक्तिशाली मंत्र को नियमित रूप से जाप करने से कुंडली में मौजूद दोषों को दूर किया जा सकता है।

  1. शिव गायत्री मंत्र:

‘ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।’

शिव गायत्री मंत्र का जाप सरल होता है और अनेक लाभ प्रदान कर सकता है।

हरतालिका तीज पूजा विधि :

– सूर्योदय से पहले हरतालिका तीज के व्रत का संकल्प लें।

– पूजा करने वाली महिलाएं शुभ समय की जागरूकी रखें।

– हरतालिका तीज पूजा सूर्योदय के बाद ही सबसे प्रभावी मानी जाती है।

– मृत्युंजय मंत्र के आवश्यक सामग्री से शिव, पार्वती, और गणेश की मूर्तियों का निर्माण करें। उन्हें फूलों से सजाएं।

– गंगाजल और पंचामृत से भगवान शिव और माता पार्वती का अभिषेक करें।

– गणेश जी को दूर्वा और जनेऊ चढ़ाएं।

– शिव जी को संदलवुड पेस्ट, मौली, अक्षत, धतूरा, और विभिन्न पुष्पों से पूजें।

– माता पार्वती को सुहाग सामग्री के साथ पूजें।

– आरती करने और हरतालिका तीज व्रत की कथा सुनने के बाद पूजा को समाप्त करें।

– पूरी रात जागरण करें और हर प्रहर में पूजा करें। अगले सुबह, आखिरी प्रहर की पूजा के बाद मां पार्वती की मूर्ति पर सिंदूर लगाएं और अपने व्रत को खोलें।

हरतालिका तीज पूजा के लिए आवश्यक सामग्री:

– शिवलिंग बनाने के लिए मिट्टी या रेत

– संदलवुड पेस्ट, मौली, अक्षत, धतूरा, पान के पत्ते, पांच इलायची, पूजा सुपारी, पांच लौंग, फल, मिठाई, पूजा की चौकी, धतूरे के फल, कलश, तांबे का पात्र, दूर्वा, आक का फूल, घी, दीपक, अगरबत्ती, कपूर, व्रत कथा पुस्तक, 16 प्रकार के पत्तियां (बेलपत्र, तुलसी, जातीपत्र, सेवंतिका, बांस, देवदार पत्र, चंपा, कनेर, अगस्त्य, भृंगराज, धतूरा, आम पत्ते, अशोक पत्ते) 

– पान के पत्ते, केले के पत्ते, शमी के पत्ते

हरतालिका तीज पर दान:

हरतालिका तीज पर, विवाहित महिलाओं को खुशियाँ और सुख के लिए चना और मसूर की दाल का दान करना शुभ माना जाता है। इन दानों के बाद, महिलाएं साफ पानी से हाथ धोने को नहीं भूलें।

हरतालिका तीज के लिए शुभ समय:

– पहला प्रहर: सांझ 06:23 से रात 09:02 बजे तक

– दूसरा प्रहर: रात 09:02 बजकर [तिथि] से सुबह 12:15 बजे तक

– तीसरा प्रहर: सुबह 12:15 बजकर [तिथि] से सुबह 03:12 बजे तक

– चौथा प्रहर: सुबह 03:12 बजकर [तिथि] से सुबह 06:08 बजे तक

हरतालिका तीज एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो खुशी लाता है और विवाहित जीवन के बंधन को मजबूत करता है। 


 विश्कर्मा पूजा 2023 मुहूर्त 

सुबह का मुहूर्त – 17 सितंबर 2023 दिन रविवार को सुबह 07 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक

दोपहर का मुहूर्त – 17 सितंबर 2023 दिन रविवार दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से दोपहर 03 बजकर 30 मिनट तक

भगवान विश्वकर्मा पूजा का मंत्र

ॐ आधार शक्तपे नम: और ॐ कूमयि नम:, ॐ अनन्तम नम:, ॐ पृथिव्यै नम:

विश्वकर्मा पूजन विधि

  • – सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहन लें.
  • – फिर भगवान विश्वकर्मा की पूजा करें.
  • – पूजन सामग्री में हल्दी, अक्षत, फूल, पान, लौंग, सुपारी, मिठाई, फल, दीप और रक्षासूत्र जरूर शामिल करें.
  • – पूजा में घर में रखा लोहे का सामान और मशीनों की पूजा करें.
  • – पूजा करने वाली चीजों पर हल्दी और चावल जरूर लगाएं.

भगवान विश्वकर्मा की आरती

हम सब उतारे आरती तुम्हारी हे विश्वकर्मा, हे विश्वकर्मा।

युग–युग से हम हैं तेरे पुजारी, हे विश्वकर्मा…।।

मूढ़ अज्ञानी नादान हम हैं, पूजा विधि से अनजान हम हैं।

भक्ति का चाहते वरदान हम हैं, हे विश्वकर्मा…।।

निर्बल हैं तुझसे बल मांगते, करुणा का प्यास से जल मांगते हैं।

श्रद्धा का प्रभु जी फल मांगते हैं, हे विश्वकर्मा…।।

चरणों से हमको लगाए ही रखना, छाया में अपने छुपाए ही रखना।

धर्म का योगी बनाए ही रखना, हे विश्वकर्मा…।।

सृष्टि में तेरा है राज बाबा, भक्तों की रखना तुम लाज बाबा।

धरना किसी का न मोहताज बाबा, हे विश्वकर्मा…।।

धन, वैभव, सुख–शान्ति देना, भय, जन–जंजाल से मुक्ति देना।

संकट से लड़ने की शक्ति देना, हे विश्वकर्मा…।।

तुम विश्वपालक, तुम विश्वकर्ता, तुम विश्वव्यापक, तुम कष्टहर्ता।

तुम ज्ञानदानी भण्डार भर्ता, हे विश्वकर्मा…।।

भगवान विश्वकर्मा की जय। भगवान विश्वकर्मा की जय।