आज हम ऐसे कुछ बातें बताएँगे जो ग़लत है और ज़्यादा दीनो तक कोई भी मनुष्य छुपा नही सकता | जी हाँ अगर ये कुछ बातें महाभारत मे भी अगर नही हुआ होता तो ना ही महाभारत होती और ना ही इतने लोगो को मृत्यु प्राप्त होती| अभी हमें वर्तमान मे ये छुपाना ज़रूरी लगता है लेकिन भविष्य मे अगर ये बातें घर-परिवार और समाज को पता चलती है तो व्यक्ति को अपमानित होना पड़ता है और परेशानियाँ भी होती है |
ये बातें इस प्रकार हैं:
१. किसी की हत्या करना :
धन, ज़मीन या किसी भी कारण-वश किसी की हत्या करना या किसी को प्रतारित या यातना देना शास्त्रों के अनुसार एक अक्षम्य पाप है | जिसकी सजा हर किसी को एक दिन अवश्य मिलती है| हत्या करने के बाद आप ज़्यादा दीनो तक नही छुप सकतें| इसके कई उदाहरण आ चुकें है और आते रहते हैं | इसलिए कितने भी पुख़्ता इंतज़ाम क्यों ना किया हो आप कभी भी बच नही सकते |
इंद्र देवता जिन्हें हमेशा अपने सिंहासन की चिंता रहती थी इस कारण-वश एक दिन उन्होने एक महर्षि की हत्या कर दिया क्योंकि वे महर्षि घोर ताप कर रहे थे और इंद्र देवता को लगा की ये तप सिर्फ़ और सिर्फ़ सिंहासन पाने के लिए किया जा रहा है| इसलिए उन्होने उस महर्षि की हत्या कर दी | जिसके कारण महादेव ने उन्हे अपने त्रिनेत्र से भस्म कर दिया |
२. झूठ बोलना :
झूठ बोलना भी एक पाप है | हमें पता है की हम अगर एक झूठ बोलते हैं तो हमे फिर उस झूठ को छुपाने के लिए और कई सारे झूठ बोलने पड़ते हैं | अगर हम अपने इतिहास मे जाकर देखें तो हमे पता चलेगा की झूठ बोलने का क्या परिणाम होता है | उदाहरण के लिए महाभारत मे कर्ण ने भगवान परशुराम से अस्त्र-शस्त्र का ज्ञान प्राप्त करने के लिए झूठ बोले थे की वो ब्राह्मण है, ताकि भगवान परशुराम उन्हें अस्त्र-शस्त्र का ज्ञान दे सकें| लेकिन एक दिन उन्हें कर्ण के बारे मे सच पता चला की वो ब्राह्मण नही हैं, तो ना चाहते हुए भी उन्हें कर्ण को श्राप देना पड़ा की जिस दिन उसे इस अस्त्र-शस्त्र की सबसे ज्यदा ज़रूरत होगे तो वह अपना सारा ज्ञान भूल जाएगा | इसलिए महाभारत मे उन्हें अर्जुन के तीरों का शिकार होना पड़ा |
३. अहंकार करना :
अहंकार मनुष्य को तुरंत आसमान से धरती पे ला के पटक देता है मतलब तुरंत वो नीचे आ जाता है| कोई भी व्यक्ति कितना भी क्यों ना अहंकारी हो सभी को इसके बारे मे पता चल जाता है | हमें तो ये भी नही पता की हम अहंकार मे कितने पाप करते जातें है, क्योंकि हमे अहंकार मे ना ही किसी की अच्छी बातें सुनाई देती है और ना ही दिखाई देती है |
इसके भी हमारे इतिहास मे प्रमाण है | रावण और दुर्योधन का भी विनाश अहंकार के कारण ही हुआ |
४. व्यभिचार यानी किसी के साथ गलत संबंध बनाना या रखना :
किसी भी स्त्री या पुरुष के साथ ग़लत संबंध बनाना शास्त्र के अनुसार सबसे बड़ा पाप है| अगर आप किसी के साथ ग़लत संबंध बनाते हैं तो कभी भी आप इसे छुपा नही सकते| एक ग़लत संबंध स्त्री और पुरुष दोनो को बर्बाद कर देता है| और हमे पता भी है की अगर आप किसी के साथ ग़लत संबंध बनाते हैं तो आप बहुत बड़े बीमारी के शिकार हो सकतें हैं| ये हमारे आसपास के लोगो को भी ग़लत कम करने के लिए प्रेरित करता है |
५. धोका देना और छल करना :
किसी के साथ छल करना या किसी को धोका देना भी एक पाप है और इसकी सज़ा भी हमें अवश्य मिलती है| इसके हमारे महाभारत मे भी साक्ष् मिलते हैं| क्योंकि पूरा महाभारत सिर्फ़ और सिर्फ़ छल और कपट के कारण ही हुआ था| महाभारत मे दुर्योधन और मामा सकुनी ने बहुत छल किया जिसके कारण पांडवों को बहुत से अपमान और कष्ट का सामना करना पड़ा| भगवान भी कभी किसी छल करने वाले और धोखा देने वाले का साथ नही देते | सिर्फ़ इस पाप की सज़ा ही मिलती हैं और अगर हमें सुख मिल रहा है तो समझ लीजये हमारा पतन निश्चित है |