उज्जैन मे सिंहस्थ शुरू होने मे अब कुछ दिन शेष है| बहुत सारे साधु-संत, नागा साधु, ऋषि-महर्षि आदि लोगों का आगमन भी हो चुका है| चलिए आज हम आपको सिंहस्थ मे उपस्थित कुछ बाबा के बारे मे बताते हैं जो अपने नाम और काम के कारण बहुत प्रसिद्ध हैं| उन्हें देखने और मिलने के लिए बहुत सारे लोग आते हैं| ये बाबा ऐसे हैं जो सभी के आकर्षण का मुख्य केंद्र बने हुए हैं।
१) बर्फानी बाबा:
बर्फानी बाबा सिंहस्थ मे हरसिद्धि माता मंदिर के पास नृसिंह घाट क्षेत्र में अपना शिविर लगाएँ हैं| ये क्रिया योग बद्रीनाथ आश्रम, नारायण पर्वत बद्रीनाथ (उत्तराखंड) से आकर इस सिंहस्थ मे उपस्थित हुए हैं। बाबा का पूरा नाम श्रीदिगंबर गंगा भारतीजी (बर्फानी बाबा) है। कहा जाता है की बाबा की उम्र 100 वर्ष से अधिक है और उन्होंने करीब 60 वर्षों तक हिमालय के बर्फीले क्षेत्र में कठोर तपस्या की थी, जिस कारण वश भक्त इन्हें बर्फानी बाबा कहते हैं। बाबा निरंजनी अखाड़े के है| बाबा जहाँ तप करते हैं वहाँ का तापमान -40 डिग्री होता हैं| इस कारण वश भी भक्त उन्हें बर्फानी बाबा के नाम से जानते हैं|
२) गोल्डन बाबा:
गोल्डन बाबा पहली बार सिंहस्थ मे आएँ हैं और इनका निवास दत्त अखाड़ा भाग मे हैं| ये हमेशा अपने शरीर पे 11 किलो सोना को पहन के चलते हैं और इनकी सुरक्षा के लिए इनके साथ हमेशा २ बॉडीगार्ड इनकी सुरक्षा करते हैं| आप सोच रहे होंगे की एक संत होने के बाद भी इतना सारा सोना कैसे तो हम बताते हैं आपको| गोल्डन बाबा नाम इसलिए मशहूर हुआ क्योंकि बाबा हमेशा सोने को अपने साथ लेकर चलते हैं| बाबा का असली नाम सुधीर कुमार हैं | ये एक बहुत बड़े गारमेंट्स कंपनी के मलिक थे जिसका टर्न-ओवर करोड़ो का था लेकिन इनका मन इन सब चीज़ों से उब गया जिस कारण-वश इन्होने इसे छोड़कर 2012 मे इलाहाबाद मे दीक्षा लेकर सन्यासी बन गये| कहा जाता है की 1970 से बाबा सोने के आभूषण पहनते थे| इसलिए सन्यास के बाद भी सोने के गहने साथ ही रहे।
३) पायलट बाबा:
पायलट बाबा ने उज्जैन सिंहस्थ के बड़नगर रोड के उजड़खेड़ा क्षेत्र में अपना केम्प लगाया है| जो बहुत भव्य रूप प्रदर्शित कर रहा हैं| बाबा का जन्म बिहार के रोहताश जिले के एक अच्छे परिवार में हुआ था। बाबा ने बनारस से शिक्षा प्राप्त किया जिससे उनका चयन इंडियन ऐयर-फोर्स मे हुआ था| बाबा ने पायलट के तौर पे 1962, 1965 और 1971 में पाक और चीन के खिलाफ हुई लड़ाई मे अपना विशेष योगदान दिया था| जिस कारण भारत सरकार से उन्हें कई उपाधियाँ भी दी गई| उन्होने इसके अतिरिक्त कुछ फिल्म मे भी छोटे-छोटे किरदार किए| लेकिन जब उनकी गिरिराज महाराज से मुलाकात हुई तो उनका जीवन पूरी तरीके से बदल गया| फिर उसके बाद उनका मन अध्यात्म की तरफ चला गया और उन्होने अपने गुरु गिरिराज महाराज के साथ हिमालय मे कठिन साधना किया| तब से उन्हें पायलट बाबा के नाम से जाना जाने लगा|
४) नेपाली बाबा:
नेपाली बाबा मंगल नाथ मंदिर के पास ठहरे हैं| सिंहस्थ मे इनके द्वारा सबसे ऊँची यज्ञशाला बनाया जाएगा| बाबा का असली नाम संत श्री आत्मानंददास माहत्यागी हैं| बाबा का मन बचपन से ही धर्म की और था जिस कारण उन्होने सन्यास को धारण किया| इनके सबसे ज़्यादा भक्त नेपाल मे हैं| नेपाल के राजा वीरेंद्र ने उन्हें नेपाल मे यज्ञ कराने के लिए निमंत्रण भेजा और जब यज्ञ नेपाल मे संपन्न हुआ तो राजा वीरेंद्र ने बाबा से विनती किए की वो नेपाल को हमेशा अपने साथ रखें तबसे उन्होने अपना नाम के साथ उन्होने नेपाल को अपने साथ रख लिया| और इस तरह वो नेपाली बाबा के नाम से प्रसिद्ध हूए|
५) साइलेंट बाबा:
ये मंगालनाथ क्षेत्र के विष्णु सागर के सामने अपना सिविर स्थापित किए है| इनकी खास बात ये है की ये हमेशा मौन रहते हैं क्योंकि इन्होने कई वर्षों से मौन धारण किया है| इनकी एक और ख़ासियत ये है की ये कई तरह के भाषा जैसे: हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी सहित भाषा जानते और समझते हैं| मौन धारण करने के बावजूद ये अपने पास आने वाले साधु-संत और भक्त गण को कागज पे लिख कर आशीर्वाद देते हैं और इशारों मे अपनी बात को समझाते हैं| कई वर्षों से मौन रहने के कारण इन्हें सभी साइलेंट बाबा के नाम से जानते हैं|
६) कम्प्यूटर बाबा:
कम्प्यूटर बाबा दत्त अखाड़ा मे अपना शिविर लगाए हुए हैं| इनकी खास बातें ये है की ये कोई भी काम बहुत जल्दी करते हैं| उनकी उंगुलियां भी लेपटॉप पर बहुत तेजी से चलती हैं। जिस कारण मध्य-प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने ये देखकर इन्हें कम्प्यूटर बाबा के नाम से संबोधित किया| तब से उन्हें कम्प्यूटर बाबा के नाम से जाना जाता है|
७) रुद्राक्ष बाबा:
रुद्राक्ष बाबा दत्त अखाड़ा मे उपस्थित है| इनका नाम प्रभूगिरिराज जी महाराज है| इनकी ख़ासियत ये है की ये अपने शरीर पे पूरे 11 हज़ार रुद्राक्ष की माला को धारण किए हुए हैं| बाबा ने उम्रभर इस तरह रहने का प्राण लिया है| हैरानी की बात ये है की ये पिछले १२ साल से इस तरह अपने शरीर पे रुद्राक्ष की माला धारण किए हुए हैं|
८) राधेपुरीजी महाराज:
राधेपुरीजी महाराज जूना अखाड़ा के महंत है जो दत्त अखाड़ा मे स्थित है| इनकी ख़ासियत है की ये 2001 से अपना एक हाथ ऊपर किए हुए हैं| बाबा के बारे मे कहा जाता है की बाबा ने १२ वर्षों तक अपने एक हाथ को ऊपर रकने का प्राण लिया हैं| ये एक प्रकार का ताप हैं है जो बाबा कर रहे हैं| यहाँ तक की उन्होने अपने ऊपर उठे हुए हाथ के नाख़ून तक को नही काटा है जो अब बहुत बड़े हो चुके हैं|
९) सर्वेश्वर मुनि:
कुछ बाबा ऐसे है जो अपने बालों को बढ़ा कर अपनी तपस्या पूरी कर रहे हैं| उन्ही मे से एक हैं मुकाती महंत सर्वेश्वर मुनि जो अपने बालों को २२ बर्ष से अपने बालों को बढ़ा रहें हैं| इनकी खास बात ये है की इनकी जटाएं ज़मीन को छूती रहती हैं|