श्री राम भक्त हनुमान जिनके बारे में कई सारी कहानियां प्रचलित है। शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी को ये आशीर्वाद मिला है की जब तक ये धरती रहेगी तब तक वो इसी धरती पे विराजमान रहेंगे। तथा धरती पे उपस्थित भक्तों की रक्षा करेंगे। आज हम ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में जानेंगे, जिनसे हनुमान जी सभी बाधाओं को ख़त्म करेंगे और अपने भक्तों को शत्रुओं से बचाएंगे।
हनुमान चालीसा में उल्लेखित भी है- “संकट तै हनुमान छुडावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै”। जिसका अर्थ ही है यदि कोई सच्चे मन से कोई राम भक्त की आराधना करता है वो सभी परेशानियों से मुक्ति पाता है। आइये जाने हनुमान महामंत्र को जिसे शास्त्रों में रक्षा कवच के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार यदि कोई सच्चे मन से हनुमान कवच का पाठ करता है उसे कभी भी बुरी शक्तियां प्रभावित नहीं करती हैं।
हनुमान कवच पाठ की विधि:
१) सबसे पहले साधक को प्रातः काल उठके स्नान करना चाहिए। तत्पश्च्यात हनुमान जी के मूर्ति के समक्ष आसन पे बैठ जाएँ।
२) किसी भी पूजा में सबसे पहले श्री गणेश, शिव का ध्यान करें और इसके साथ ही श्री राम का भी ध्यान करें। उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। चोला, सिंदूर और जनेऊ श्री हनुमान को अर्पण करें। तत्पश्च्यात रुद्राक्ष की माला से १०८ बार –
“ॐ श्री हनुमते नमः” का जप करें।
ये पाठ करने से भक्त के चारों और 24 घंटे तक रक्षा कवच बना रहता है।
अन्य महा मन्त्र:
कुछ और ऐसे ही महामंत्र जिनसे परेशानी दूर होंगी।
मनोकामना पूर्ति के लिए:
मनोकामना पूर्ति के लिए इस मन्त्र का जप करें।
“महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते, हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये”
कर्ज से उबरने के लिए:
यदि आप कर्ज में डूबें है तो सच्चे मन इस इस मन्त्र का प्रतिदिन जप करें। इससे ४५ दिनों के अंदर आपको परिणाम मिलेंगे।
मन्त्र:
“ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा”
संकट के निवारण हेतु मन्त्र :
यदि कोई संकट या विपदा हो तो संकटमोचन के इस मन्त्र का जप करें –
“ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्व-शत्रु-संहारणाय, सर्व-रोग-हराय, सर्व-वशीकरणाय, राम-दूताय स्वाहा”
ये मन्त्र शत्रुओं को दूर भी करेगा और संकट में विजय भी दिलाएगा।