ज्योतिष अनुसार जानिये हीरा कैसे बन सकता है आपके विनाश का कारण

Ratn-Jyotish

जैसे ही हीरे का नाम आता है सबके मन में एक ही ख्याल आता है स्टेटस सिंबल, पैसा, ये अभी से नहीं जबसे हीरे की खोज हुए है तबसे ही दुनिया की पहली पसंद बना हुआ है| महिलाओ को तो ये बहुत पसंद होता ही है पुरुष भी इसके आकर्षण से बच नहीं पाते है| आज हम हीरे के ज्योतिषीय गुणों के बारे में बात करने वाले है| हीरे का ज्योतिष में भी बहुत महत्तव है परंतु वर्तमान स्पर्धा के समय में ये स्टेटस सिम्बल ज्यादा बन गया है| परंतु लोग भूल जाते है की हीरे का महत्त्व उसमे मौजूद किरण रश्मियों की गुणवत्ता और प्रभवशीलता के कारण होता है|

हीरे में कुछ ऐसी विशेषताएं है जो इसे सौन्दर्यता के अलावा ज्योतिषीय रूप से अति महत्त्वपूर्ण बनाती है| जिन लोगो को उनकी राशियों एवं गृह दशाओ के हिसाब से हीरा धारण करने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये उन व्यक्तियों को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते है परंतु इसकी नकारात्मक ऊर्जा भी आपको बर्बाद कर सकती है इसलिए ऐसे रत्नों को पहनने से पहले ज्योतिषीय सलाह लेना आवश्यक होता है एवं हीरे को कभी भी एक आभूषण समझ के पहनने की गलती कभी नहीं करनी चाहिए|

हीरे को धारण करते समय इन बातो का ध्यान रखना चाहिए –

  • वो महिलाये जो पुत्र रत्न पाना चाहती है वो हीरा धारण ना करे अन्यथा उन्हें सिर्फ पुत्रियों की ही प्राप्ति होगी एवं वो जो पुत्री पाना चाहती है ज्योतिषीय सलाह ले कर हीरा धारण कर सकती है|
  • कहा जाता है की हीरे से निकलने वाली सकारात्मक ऊर्जा इतनी तीव्र होती है की ये दूर से ही प्रभाव कर जाती है इसलिए अंगूठी में हीरे का आपकी ऊँगली से स्पर्श जरुरी नहीं होता है|
  • हीरे को पहनने से पहले अछि तरह से तराशा जाता है परंतु अत्यधिक तराशा गया हीरा का असर उतना ही काम हो जाता है एवं हीरा पूर्ण तरह से विकार रहित होना चाहिए तभी वो सकारात्मक असर दिखता है|
  • हीरे को ज्योतिषी द्धारा बताये गए वजन एवं शेप में बताई गई धातु में ही धारण करना चाहिए| समान्यतः हीरा १ से २ केरेट का होना चाहिए| ज्योतिषीय सलाह अनुसार धारण किया हुआ हीरा आपके ग्रहो को शक्ति प्रदान करता है|

शुक्र प्रतिनिधि हीरा कैसे बन जाता है विनाशकारी ?

किसी जातक की कुण्डली में शुक्र की दशा खराब है, पीड़ित है, तो ऐसा जातक जीवनभर कष्ट भोगता रहता है, उसे लक्जरी यानि भोग के सुख-साधन प्राप्त होने में बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। यदि खराब शुक्र की दशा मौज़ूद हो तो उस शुक्र का पॉवर बढ़ाने से जीवन में गड़बड़ी इतनी बढ़ जाएगी कि उसे संभालना मुश्किल हो जाएगा।

आइये जानते है शुक्र ग्रह की किसी स्थिति में हीरा धारण करने से वो विनाशकारी साबित होता है-

  • नीच, अस्त, शत्रु गृही अथवा कुण्डली के छः, आठ व बारहवें भाव में बैठे शुक्र की शक्ति बढ़ाने का प्रयाश नहीं करना चाहिए। ये वीणशकारी साबित हो सकता है|
  • शुक्र यदि सप्तमेश, अष्टमेश अथवा द्वितीयेश होकर किसी मारक स्थान पर बैठ भी गया हो तो हीरा उसकी मारकता को आशातीत ढंग से कई गुणा बढ़ा देने की शक्ति रखता है। इस अवस्था में यदि कोई जातक अज्ञानतावश हीरे को आभूषण के रूप में पहन लेता है तो उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है तथा गलत संगत और शौक तथा व्यभिचार उसे कलंकित करके रख देते हैं।

इसीलिए कहा जाता है की कोई भी उपाय करने से पहले या कोई भी रत्न धारण करने से पहले ज्योतिषी से सलाह लेना उतना ही आवश्यक होता है जितना की दवाइयों के सेवन से पहले डॉक्टर की| अगर आपको किसी भी तरह की परेशानी है जिस से आप मुक्ति चाहते है या आपके जीवन, कुंडली एवं राशि रत्न से सम्बंधित जानकारी चाहते है तो सलाह ले हमारे जाने माने ज्योतिषीय सलाहकारों से| हमे कॉल (Call Us) करे +91 9009444403 पर या व्हाट्सएप्प (Whatsapp) पर सन्देश (Message) भेजे एवं जानकारी प्राप्त करे वो भी निःशुल्क|
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