आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने बताए हैं नए साल की शुरुआत में अपने लिए कौन से रिजोल्यूशन लेकर जीवन में शांति और समृद्धि के रास्ते तय कर सकते हैं

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हमारे जीवन में हर समय एक जैसा नहीं होता कभी अच्छा तो कभी बुरा समय आता ही है। जब किसी व्यक्ति का अच्छा समय चल रहा होता है तो उसको चारों तरफ से शुभ समाचार ही प्राप्त होते हैं।

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Makar Sankranti 2020: मकर संक्रांति में ‘मकर’ शब्द मकर राशि को इंगित करता है जबकि ‘संक्रांति’ का अर्थ संक्रमण अर्थात प्रवेश करना है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से

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उज्जैन की प्रतिष्ठित शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने बताया कि इस साल दुनिया भर के खगोल प्रेमियों को दो सूर्यग्रहणों और चार चंद्रग्रहणों समेत ग्रहण के छह रोमांचक दृश्य दिखाई देंगे।

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जब हम कोई नया वाहन खरीदने की सोचते हैं, तो हमारे बड़े बुजुर्ग उसे हमेशा एक शुभ मुहूर्त पर खरीदने तथा उसे इस्‍तेमाल करने से पहले उसकी पूजा करने के लिए कहते हैं। ताकि वो एक

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इंगेजमेंट यानी सगाई एक रस्म है, जिसे विवाह सस्ंकार से पहले किया जाता है। सगाई का अर्थ हैं कि विवाह के लिए वर और कन्या को एक दूसरे के लिए रोक देना, इसी कारण से सगाई की इस

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आज से पितृ पूजा का पर्व श्राद्ध पक्ष शुरू हो रहा है, जिसमे लोग अपने दिवंगत पूर्वजों की आत्‍मा की शांति के लिए श्राद्ध या पिंडदान करते हैं। मान्‍यता है कि अगर पितृ नाराज हो जाएं तो व्‍यक्ति का

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हर एक व्यक्ति चाहता है कि उसकी जिंदगी में धन-दौलत की कभी कमी ना हो और उसके लिए वो पूरी मेहनत भी करता हैं ताकि पैसे कमा सके. लेकिन कहते हैं ना की पैसे कमाना तो कठिन काम है ही लेकिन पैसे संभाल कर रखना उससे भी कठिन काम होता है।
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कई बार जरूरी कामों के लिए हमारे पास पैसे नहीं होते और हमें कर्ज या ऋ़ण लेने पड़ जाते हैं लेकिन ये कर्ज कभी खत्म होने का नाम ही नहीं लेते और ज़िंदगी भर ले लिए हमारे लिए मुसीबत बन जाते है।
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ज्योतिष में कुछ ऐसे अचूक उपाय है जिन्हें अपनाकर कोई भी व्यक्ति जल्दी से जल्दी सर पर चढ़े इन कर्जो से आसानी से छुटकारा पा सकता हैं। अगर आप भी अपने कभी न चुकाने वाले कर्ज या ऋ़ण से परेशान हैं तो तुरंत हमसे संपर्क करें 📲 +91-900-9444-403 या कॉलबैक के लिए अपना मोबाइल नंबर कमेंट करें..!
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गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया
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गणपति बप्पा एक विघ्नहर्ता हैं, जो जीवन में आई सभी परेशानियों, बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करते हैं। उनके पूजन को पूर्ण विधि विधान से करने पर व्यक्ति की पर्सनल तथा प्रोफेशनल दोनों जीवन में खुशहाली आती है।
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नया घर ज़िंदगी का सबसे बड़ा इन्वेस्टमेंट होता हैं, तो गृह प्रवेश भी पूरी विधि विधान से होना चाहिए ताकि इस नए घर में आपकी जिंदिगी में खुशियाँ ही खुशियाँ आये और सभी प्रकार के दुःख, दर्द तथा बाधाएँ आपके घर से हमेशा दूर रहे।
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गृह प्रवेश के समय श्री गणेश पूजा, नवग्रह पूजा (नौ ग्रहों की पूजा) तथा वास्तु भगवान पूजा करना आपके नए घर में खुशहाली व सुख समृद्धि लाता है। साथ ही इसमें रहने वाले सदस्यों के जीवन में शांति, अच्छी किस्मत और सद्भाव लाता है।
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हनुमान चालीसा श्री तुलसीदास जी द्वारा रचयीत है, हनुमान चालीसा में प्रभु श्री राम जी के महान भक्त हनुमान जी के कार्यों एवं गुणों का वर्णन किया गया है, जो निम्न चौपाइयों के द्वारा वर्णित हैं | नित दिन हनुमान चालीसा पढ़ने से आप देखेंगे की आपको अपने आप में कॉन्फिडेंस बढ़ता दिखेगा है, पॉजिटिव एनर्जी आती दिखेगी है, अपने कार्य स्थल पर अच्छा मन लगता है, और अपने कार्य क्षेत्र में पदोन्नोती मिलती है | लगातार १०१ दिन तक हनुमान चालीसा पढ़ते रहे आपको सफलता अवश्य मिलेगी, बोलो श्री राम भक्त हनुमान जी की जय…

जय श्री राम

हनुमान चालीसा

                                                     

दोहा

श्रीगुरु चरण सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि |

बरनऊँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ||

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार |

बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार ||

चौपाई

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर |

जय कपीस तिहुँ लोक उजागर || १ ||

राम दूत अतुलित बल धामा |

अंजनी पुत्र पवनसूत नामा || २ ||

महाबीर बिक्रम बजरंगी |

कुमति निवार सुमति के संगी || ३ ||

कंचन बरन बिराज सुबेसा |

कानन कुण्डल कुंचित केसा || ४ ||

हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजे |

काँधे मूँज जनेऊ साजे || ५ ||

शंकर सुवन केसरी नंदन |

तेज प्रताप महा जगवंदन || ६ ||

विद्यावान गुनी अति चातुर |

राम काज करिबे को आतुर || ७ ||

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया |

राम लखन सीता मनबसिया || ८ ||

सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा |

विकट रूप धरि लंक जारवा || ९ ||

भीम रूप धरि असुर संहारे |

रामचंद्र जी के काज सवाँरे || १० ||

लाय सजीवन लखन जियाये |

श्री रघुबीर हरषि उर लाये || ११ ||

रघुपति किन्ही बहुत बड़ाई |

तुम मम प्रिय भारत-ही सम भाई || १२ ||

सहस बदन तुम्हरो जस गावै |

अस कही श्रीपति कंठ लगावे || १३ ||

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा |

नारद सारद सहित अहिंसा || १४ ||

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते |

कवि कोविद कहि सके कहाँ ते || १५ ||

तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा |

राम मिलाय राज पद दीन्हा || १६ ||

तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना |

लंकेश्वर भये सब जग जाना || १७ ||

जुग सहस्त्र जोजन पर भानु |

लिल्यो ताहि मधुर फल जानू || १८ ||

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही |

जलधि लाँघि गए अचरज नाही || १९ ||

दुर्गम काज जगत के जेते |

सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते || २० ||

राम दुआरे तुम रखवारे |

होत ना आज्ञा बिनु पैसारे || २१ ||

सब सुख लहैं तुम्हारी सरना |

तुम रक्षक काहु को डरना || २२ ||

आपन तेज सम्हारो आपै |

तीनों लोक हाँक तै कापै || २३ ||

भूत पिशाच निकट नहि आवै |

महावीर जब नाम सुनवै || २४ ||

नासै रोग हरे सब पीरा |

जपत निरंतर हनुमत बीरा || २५ ||

संकट तै हनुमान छुड़ावै |

मन क्रम वचन ध्यान जो लावै || २६ ||

सब पर राम तपस्वी राजा |

तिनके काज सकल तुम साजा || २७ ||

और मनोरथ जो कोई लावै |

सोई अमित जीवन फल पावै || २८ ||

चारों जुग परताप तुम्हारा |

है परसिद्ध जगत उजियारा || २९ ||

साधु संत के तुम रखवारे |

असुर निकंदन राम दुलारे || ३० ||

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता |

अस बर दीन जानकी माता || ३१ ||

राम रसायन तुम्हरे पासा |

सदा रहो रघुपति के दासा || ३२ ||

तुम्हरे भजन राम को पावै |

जनम जनम के दुःख बिसरावै || ३३ ||

अंतकाल रघुवरपुर जाई |

जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई || ३४ ||

और देवता चित्त ना धरई |

हनुमत सेई सर्व सुख करई || ३५ ||

संकट कटै मिटै सब पीरा |

जो सुमिरै हनुमत बलबीरा || ३६ ||

जय जय जय हनुमान गुसाईं |

कृपा करहु गुरु देव की नाई || ३७ ||

जो सत बार पाठ कर कोई |

छूटहि बंदि महा सुख होई || ३८ ||

जो यह पढ़े हनुमान चालीसा |

होय सिद्ध सखी गौरीसा || ३९ ||

तुलसीदास सदा हरि चेरा |

कीजै नाथ ह्रदय मह डेरा || ४० ||

दोहा

पनय तनय संकट हरण, मंगल मूरति रूप |

राम लखन सीता सहित, ह्रदय बसहु सुर भूप ||