पीपल का वृक्ष हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र माना जाता है. मुख्य रूप से इसको भगवान विष्णु का स्वरूप मानते हैं. इसके पत्तों, टहनियों यहां तक कि कोपलों में भी देवी-देवताओं का वास माना जाता है. कहा जाता है कि पीपल के मूल में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और शीर्ष में शिव जी निवास करते हैं.

शाखाओं, पत्तों और फलों में सभी देवताओं का निवास होता है. यह प्राकृतिक और आध्यात्मिक रूप से इतना महत्वपूर्ण है कि भगवान कृष्ण गीता में कहते हैं कि, “वृक्षों में मैं पीपल हूं”. वैज्ञानिक रूप से पीपल इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह बहुत ऑक्सीजन पैदा करता है.

पीपल के वृक्ष से शनि का सम्बन्ध क्या है?

– पीपल के वृक्ष के गुण शनि से काफी मिलते जुलते हैं.

– इसके अलावा पीपल को शनि के ईष्ट श्री कृष्ण का स्वरूप माना जाता है.

– पीपल से सम्बन्ध रखने वाले पिप्पलाद मुनि ने ही शनि को दंड दिया था.

– तबसे माना जाता है कि, पीपल की वृक्ष की पूजा करने से शनि की पीड़ा शांत होती है.

– पीपल के वृक्ष की उपासना किसी भी रूप में करने से शनि कृपा करते हैं.

पीपल की पूजा से शनि की किन किन समस्याओं में लाभ होता है?

– अगर अल्पायु का योग है तो वह योग समाप्त होता है.

– अगर रोग और लम्बी बीमारी का योग है तो वह भी दूर हो जाता है.

– वंश वृद्धि की समस्या और संतान की समस्याओं का निवारण हो जाता है.

– इसको लगाने और संरक्षण करने से शनि की दशाओं का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता.

पीपल और शनि शान्ति के उपाय-

– संतान प्राप्ति का उपाय.

– एक पीपल का वृक्ष लगवाएं.

– उसमे जल डालें, और उसकी रक्षा करें.

– हर शनिवार को इसके नीचे खड़े होकर शनि मन्त्र का जाप करें.

शनि पीड़ा से मुक्ति के लिए-

– पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल के दीपक हर शनिवार को जलाएं.

– इसके बाद वृक्ष की नौ बार परिक्रमा करें.

– “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें.

नियमित धन लाभ के लिए-

– शनिवार को पीपल का एक पत्ता उठा लाएं.

– उस पर सुगंध लगाएं.

– पत्ते को अपने पर्स में रख लें.

– हर महीने पत्ते को बदल लें.

अगर आप किसी भी प्रकार की जानकारी चाहते है तो संपर्क करे हमारे विशेषज्ञ पंडित जी से | अगर किसी भी तरह की परेशानी है, जिस से आप मुक्ति चाहते है,या आपके जीवन, कुंडली से सम्बंधित जानकारी चाहते है, तो सलाह ले हमारे जाने माने ज्योतिषीय सलाहकारों से कॉल करे (Call Us) +91 9009444403 या हमे व्हाट्सएप्प (Whatsapp) पर सन्देश (Message) भेजे एवं जानकारी प्राप्त करे |

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हमारे ऊपर और हमारे आस पास की घटनाओं पर ग्रहों का कुछ न कुछ प्रभाव मौजूद रहता है. यह प्रभाव अच्छा भी हो सकता है और बुरा भी. अपने आस पास की घटनाओं को समझकर हम यह जान सकते हैं कि इस समय कौन सा ग्रह हमारे ऊपर कैसा प्रभाव डाल रहा है. उस प्रभाव को समझ कर हम आने वाली बहुत सारी समस्याओं से बच सकते हैं.

घर में सीलन आने लगे तो

– घर में अचानक सीलन आने लगे तो समझना चाहिए कि शनि की स्थिति ठीक नहीं है

– घर में रहने वाले लोगों का स्वास्थ्य ख़राब होता है , मुकदमेबाजी और कर्जों की नौबत आ जाती है

उपाय

– घर में पर्याप्त सूर्य के प्रकाश की व्यवस्था करें

– घर की महिलाओं के साथ अच्छा व्यवहार करें

– नित्य प्रातः और सायंकाल पूजा स्थल पर दीपक जलाएं

खाने में चीटियाँ लगने लगें तो

– खाने की मीठी चीज़ों में थोड़ी बहुत चीटियाँ लगें तो यह बुरा लक्षण नहीं है

– परन्तु अगर खाने की हर चीज़ में चीटियाँ लगने लगे तो इसका अर्थ है – मंगल अच्छा नहीं है

– इसके कारण परिवार में मतभेद होने लगते हैं , भाई भाई में तनाव और अलगाव की नौबत आ जाती है

उपाय

– जहाँ भी चीटियाँ दिखाई दें वहां थोडा सा आटा डाल दें

– हर मंगलवार को घर में सुन्दरकाण्ड का पाठ करें

– इस दिन घर में मीठी चीज़ का भोग हनुमान जी को लगायें

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शादी में अड़चन है. उम्र बढ़ गयी है या शादी नहीं हो पा रही है. शादी में कई बार बाधाएं भी आती हैं. किसी किसी को जीवन साथी से सुख नहीं मिलता है. पति-पत्नी में बहुत क्लेश होता है. जीवन साथी अच्छा मिल जाय तो जीवन सफल हो जाता है. दाम्पत्य जीवन का भविष्य उज्जवल हो जाता है.

शादी अच्छी ना हो, कारण क्या है

पिछले जन्म के पाप कर्म हों

कुडली में पितृ दोष हो

सप्तम भाव का ग्रह स्वामी या स्त्री का गुरु ग्रह कमजोर हो

पुरुष का शुक्र कमजोर हो

पाप कर्मों से बहुत धन कमाया हो

पराया धन, जमीन या मकान गलत तरीके से हड़पा हो

परायी स्त्रियों पर बुरी नज़र हो

आपका स्वभाव धार्मिक ना हो, दूसरों को दुःख या कष्ट पहुंचाते हो

गौरी शंकर रुद्राक्ष पहने

शुभ विवाह का उपाय आगे बताएँगे

गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करें

गौरी शंकर और सात मुखी रुद्राक्ष धारण करें. जब दो रुद्राक्ष जुड़े होते हैं, उसे गौरी शंकर रुद्राक्ष कहते हैं

चार -पांच छह मुखी रुद्राक्ष कोई भी जुड़ा हो सकता है. एक रुद्राक्ष शंकर जी और दूसरा रुद्राक्ष माँ पार्वती होती है

दोनों प्रसन्न हो तो शादी हो जाती है

इसको धारण करने से माँ पार्वती और शंकर जी प्रसन्न होते है

शादी की बाधा दूर होती है

ग्रह बाधा और पितृ दोष बाधा दूर होती है

गौरी शंकर रुद्राक्ष पूजा पाठ कराकर

लाल धागे में सोमवार गुरुवार या शुक्रवार को धारण करें

उत्तम जीवन साथी के लिए क्या करें

कुंडली दिखाकर स्त्री और पुरुष उपाय करें

गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करें

साथ ही पितृ दोष पूजा कराएं

एक बार अच्छे से पितरों का श्राद्ध करें

बुरी आदतें छोड़कर पूजा पाठ करें

पराई स्त्रियों का सम्मान करें

अपने पति या पत्नी को सम्मान दें — क्लेश ना करें –प्यार दें

माता पिता का अपमान ना करें ,बल्कि उनकी सेवा करें

हर माह धन ,अनाज फल दान करें

दूसरों धन ,मकान और ज़मीन ना हड़पे

जीवन साथी को ना सताएं ना स्त्री को अपमानित —

जीवन साथी को प्यार दें

अच्छा जीवन साथी पाने के लिए के लिए क्या करें

कोई मांगलिक है

शनि राहु और केतु शादी में बाधा डाल रहे हैं

शादी तो हुई लेकिन पति-पत्नी में क्लेश है

शनि की साढ़े साती. शनि राहु और केतु की महादशा

क्लेश कराता है

उपाय
गौरी शंकर रुद्राक्ष के साथ सात मुखी रुद्राक्ष पहने

शनि का सरसों तेल ,राहु का नारियल और केतु का ग्रे वस्त्र दान करें

शनि राहु केतु शांति के लिए नवग्रह पूजन कराएं

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हिन्दू संस्कारों में अभिवादन की परंपरा पायी जाती है. अभिवादन के कई तरीके भी हैं. हाथ जोड़कर प्रणाम करना, और चरण स्पर्श करना अभिवादन ही है परन्तु चरण स्पर्श करना एक विशेष आध्यात्मिक और वैज्ञानिक प्रक्रिया भी है. सही तरीके से चरण स्पर्श करके अद्भुत लाभ हो सकते हैं. इससे भाग्य बेहतर हो सकता है, संकट मिट सकते हैं और ईश्वर की अनुभूति हो सकती है.

चरण स्पर्श से लाभ क्यों होते हैं?

– हर व्यक्ति के अंदर एक विशेष तरह की ऊर्जा होती है

– यह व्यक्ति के हाथों और पैरों की अँगुलियों में प्रवाहित होती रहती है

– यह ऊर्जा स्पर्श से एक दूसरे तक पंहुच जाती है

– हाथों से पैरों को स्पर्श करते ही व्यक्ति ऊर्जा खींच लेता है

– इसी प्रकार से सर पर हाथ रखते ही व्यक्ति अपनी ऊर्जा दे देता है

– अगर ऊर्जा शुभ है तो तत्काल लाभ होता है

चरण स्पर्श करने के नियम क्या हैं?

– चरण, उसी के स्पर्श करें, जिसके प्रति मन में श्रद्धा हो

– और जो श्रद्धा के योग्य हो

– अगर झुककर चरण स्पर्श कर रहे हैं तो हाथों की अँगुलियों से पैरों का अंगूठा छुएं

– अगर घुटनों के बल बैठकर कर रहे हैं तो अपना सर चरणों में रक्खें

– साष्टांग प्रणाम केवल अपने गुरु या ईष्ट को करें, अन्य किसी को नहीं

– महिलाओं को साष्टांग प्रणाम करना मना है

– जब भी कोई चरण स्पर्श करे तो उसके सर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दें `

– माता पिता को अपनी पुत्रियों से चरण स्पर्श नहीं करवाने चाहिए

चरण स्पर्श करके कैसे ग्रहों को अनुकूल करें?

– पिता के चरण स्पर्श करने से सूर्य की पीड़ा समाप्त होती है

– माँ के चरण स्पर्श करने से चन्द्रमा अनुकूल होता है

– स्त्री के चरण स्पर्श करने से बुध और शुक्र मजबूत होंगे

– भाई और बहन के चरण स्पर्श करने से मंगल की समस्याएं दूर होंगी

– वृद्ध व्यक्ति के चरण स्पर्श करने से बृहस्पति मजबूत होगा

– सात्विक, सदाचारी और ईमानदार व्यक्ति के चरण स्पर्श से शनि, राहु, केतु नियंत्रित होंगे

– संतों और महात्माओं के चरण स्पर्श करने से हर तरह की बाधा दूर होती है

– समस्त ग्रहों की पीड़ा शांत होती है

साभार…………….

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समस्त सृष्टि के ऊर्जा और प्रकाश का कारण सूर्य ही है. सूर्य को स्वास्थ्य, राज्य, औषधि, पिता तथा खाद्य पदार्थ का कारक माना जाता है. सूर्य से नाम यश और राज्य पद मिलता है.

किसी भी तरह की स्वास्थ्य की समस्या के पीछे सूर्य ही होता है. सूर्य के मजबूत होने से जीवन की लगभग हर समस्याएं हल होती चली जाती हैं.

सूर्य को मजबूत करने के सरल तरीके और उपाय क्या हैं?

– सूर्य को बहुत सारे तरीकों से मजबूत कर सकते हैं.

– परन्तु अर्घ्य देने से सूर्य हर तरह से अनुकूल हो जाता है.

– सूर्य को देखते हुए जल चढाने को अर्घ्य देना कहा जाता है.

– इससे सूर्य के साथ साथ नौ के नौ ग्रह मजबूत हो जाते हैं.

– मात्र सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन की लगभग हर समस्या का समाधान किया जा सकता है.

क्या है सूर्य को अर्घ्य देने की विधि?

– अर्घ्य नदी में रहकर भी दे सकते हैं और घर पर भी.

– उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देना सर्वोत्तम होता है.

– इसके अलावा नवोदित रहने तक सूर्य को अर्घ्य दिया जा सकता है.

– जल देने के पूर्व व्यक्ति का स्नान कर लेना जरुरी है.

– अर्घ्य देते समय अगर सफेद वस्त्र धारण किए जाएं तो सर्वोत्तम परिणाम मिलेंगे.

– लोटे या मिट्टी के बड़े पात्र से जल देना सर्वश्रेष्ठ है.

जल देने के समय किन-किन सावधानियों का पालन करना चाहिए?

– सुबह जल्दी से जल्दी अर्घ्य देने पर ही इसका लाभ हो सकता है.

– सूर्य की रौशनी जब चुभने लगे तब जल देना अनुकूल नहीं होता.

– अर्घ्य देने के बाद मंत्र जाप करने से विशेष लाभ होता है.

– बिना स्नान किये हुए अर्घ्य नहीं देना चाहिए.

– अगर जल चढ़ाने के के बाद इसके छीटें पैरों पर पड़ते हैं तो इसमें कोई दोष नहीं होता.

– जो लोग भी सूर्य को अर्घ्य देते हैं उन्हें अपने पिता और परिवार का विशेष सम्मान करना चाहिए.

विशेष उद्देश्यों के लिए विशेष तरह से सूर्य को अर्घ्य कैसे दें?

– शिक्षा और एकाग्रता के लिए जल में नीला रंग मिलाएं.

– स्वास्थ्य और ऊर्जा के लिए-रोली या लाल चन्दन मिलाएं.

– शीघ्र विवाह और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए हल्दी मिलाएं.

– इंटरव्यू में सफलता के लिए – जल में लाल गुड़हल का फूल डालें.

– पितर शांति और बाधा के निवारण के लिए तिल और अक्षत मिलाकर अर्घ्य दें.

– जीवन में सभी हिस्सों से लाभ के लिए सादा जल अर्पित करें.

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जब भी किसी घर में बेटी का जन्म होता है, तभी से उसके माता-पिता उसके विवाह के विषय को लेकर चिंतित होने लगते हैं।
समय रहते बेटी की शादी करना उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा मकसद होता हैं। ऐसे में अगर बेटी सुयोग्य हो लेकिन फिर भी
उसकी शादी में बांधा आ रही हो तो संभव है कि उसकी कुंडली में कोई ग्रह दोष हो। आइए आज हम आपको बताते हैं कि कैसे
इन बाधाओं को झट से दूर किया जा सकता है।

कुंडली में अगर बृहस्पति अच्छा न हो तो विवाह में बाधा आती है। इसलिए सबसे पहले बृहस्पति को मजबूत करें। बृहस्पति को अनुकूल
करने के लिए केले का दान करें, सर्वोत्तम होगा। अगर बृहस्पति के कारण विवाह ही न हो पा रहा हो तो विद्या का दान करें।

अगर किसी कन्या का विवाह नहीं हो रहा हो वह अपने नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी मिलाकर रोजाना स्नान करें।
इस उपाय से विवाह के योग बनने लगेंगे।

विवाह नहीं होने पर तीन गुरुवार तक लगातार शाम को पांच तरह की मीठे व्यंजन, हरी इलायची की जोड़ी के साथ केले के पेड़ को
जल चढ़ाना चाहिए और शुद्ध घी का दीया भी जलाना चाहिए। इसे जल्दी शादी के योग बन जाते है।

लड़की की शादी में देरी होने पर लड़की को गुरुवार के दिन केले के वृक्ष का पूजन करना चाहिए और इस दिन केले नहीं खाने चाहिए।
शादी के मार्ग प्रशस्त हो जाते है।

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आप अपनी मौजूदा नौकरी -व्यापार से संतुष्ट ना हों,सैलरी अच्छी ना हो. बॉस का रवैया पसंद ना हो या प्रमोशन नहीं हो रहा हो. काम का बहुत बोझ हो या बॉस छुट्टी देना नहीं चाहता हो या फिर आपका टारगेट पूरा ना हो रहा हो. बॉस रोज आपको झाड़ता हो तो आप दूसरी अच्छी नौकरी की तलाश करोगे. आपका व्यापार नहीं चल रहा है. घाटे और कर्ज़ से परेशान हैं. मार्केट डाउन है मुनाफा नहीं हो रहा है तो आपको ये उपाय करने चाहिए.

सूर्य बुध वृष राशि में है. चन्द्रमा वृश्चिक राशि में है. सूर्य बुध और चन्द्रमा का समसप्तक योग बना है. इस संयोग में उपाय करने से लाभ होगा.

नौकरी-व्यापार बदलने के उपाय करें

बुधवार  का व्रत करें या चन्द्र पूजा करें

चंद्रमा को जल दूध का अर्घ्य दें

सुबह तांबे के लोटे से सूर्य को जल दें

तांबे के लोटे में लाल मिर्च बीज और लाल सिंदूर डालें

बुधवार  को हरे  वस्त्र जरूर पहनें.

अपनी मौजूदा नौकरी बदलना चाहते हैं तो क्या करें

जब तक नई नौकरी पक्की ना हो. न्यू अपॉइंटमेंट लेटर ना मिल जाय

तब तक पुरानी नौकरी ना छोड़ें

तब तब पुराने ऑफिस में झगड़ा या गुस्सा ना करें

मन लगाकर काम  करें –कलीग से नौकरी की कमियां ना निकालें

मीटिंग में आपकी बात ना सुनी जाय तो भी कभी ना झल्लाएं

नई नौकरी के ऑफर के लिए चुपचाप उपाय करें

नौकरी का कारक ग्रह शनि होता है

लगातार  शनि पूजा करें

शनि मन्दिर में काले तिल और सरसों तेल चढ़ाएं

गरीब को भोजन कराकर दुआएं लें

सरसों तेल का काजल बनाकर अपनी आखों में लगाएं

शनिवार को काले वस्र पहनें

नया व्यापार शुरू करने के लिए क्या करें?

आप अपने पुराने व्यापार से संतुष्ट नही होते है

आपकी लगाए धन अनुसार मुनाफ़ा  नही मिलता  है

उधारी और क़र्ज़ बढ़ रहा है

काम भी आप सबसे ज्यादा करते हो

मुनाफे के नए व्यापार  शुरू करने के लिए उपाय

नौकरी व्यापार में बरकत के लिए क्या करें

तिजोरी या अलमारी  हरे रंग से  रंग लो

तिजोरी या अलमारी  में लाल कपड़ा बिछाकर

गणेश लक्ष्मी जी की स्थापना करो

उपाय

गणेश  चालीसा का पाठ करो

बुधवार  को अपने  मुख्य दरवाजे पर तिल के तेल  का दीपक जलाओ

गणेश  जी को लडडू  का प्रसाद चढ़ाओ.

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प्यार या शादी  कर रहे हैं, प्यार हो चुका है या शादी हो चुकी है तो उसका मूलांक नंबर पता कर लें. मूलांक से किसी व्यक्ति के बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता है. अगर आपको मूलांक निकालना नहीं पता है तो बता दें कि मूलांक जन्म तिथि को जोड़ने से मिलता है. जन्म तिथि 3 है तो मूलांक 3 होगा , अगर जन्मतिथि 15 है तो मूलांक 6 होगा. हम मूलांक अनुसार स्वभाव को समझकर अपनी मुश्किलें कम कर सकते हैं.

मूलांक 1 — यह सूर्य प्रधान व्यक्ति होते है

दिमाग के बहुत तेज़ होते है , स्वतंत्रता प्रिय व्यक्ति होती है

इनकी  सिर्फ  मूलांक 1 , 2 ,3 ,7 ,9 से पटती है.

उपाय- रविवार को सूर्य को जल चढ़ाएं.

मूलांक 2- यह चन्द्र प्रधान व्यक्ति होते हैं.

दोस्त या जीवनसाथी का मददगार और  परवाह करने वाले होते हैं.

जल्दी समझौता कर लेते है सिर्फ 2, 3, 7 ,9 से पटती है

जल्दी धोखा नहीं करते हैं.

उपाय- सोमवार को दूध का दान करें.

मूलांक 3- यह गुरु प्रधान व्यक्ति होते हैं.

ज़रूरत से ज़्यादा चालाक और बहुत बोलते हैं. 2, 3 7 और 9 से पटती है

उपाय- गुरूवार को हल्दी का तिलक लगाएं.

मूलांक 4- यह राहु प्रधान व्यक्ति होते हैं

धोखा देने वाले होते हैं, इन पर विश्वास ना करें

मूलांक 4, 5 ,6 , 8 से पटती है.

उपाय- शनिवार को बरगद या पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं.

मूलांक 5- यह बुध प्रधान व्यक्ति होते हैं

अच्छे बुद्धिमान और  तुरंत फैसला लेते हैं.

अपना भला सोचते हैं. 1, 4 ,5, 6 ,8 से पटती है

उपाय- बुधवार को दूर्वा घास अपने पास रखें.

मूलांक 6-  यह शुक्र प्रधान व्यक्ति होते हैं.

दिल फेंकू रोमांटिक और खुश रहने वाले व्यक्ति

होते हैं और सुंदरता के पीछे भागते हैं, धोखा दे सकते हैं

इनकी सिर्फ 4, 5, 6 और 8 वालों से पटती है

उपाय- शुक्रवार को गुलाबजल डालकर मुंह धोएं.

मूलांक 7-  यह केतु प्रधान व्यक्ति होते हैं

ये बहुत ज्यादा वफादार नहीं होते हैं.

इनकी 1 ,2 ,3 7 और 9  पटती है

उपाय- मंगलवार को कुत्ते को बिस्कुट खिलाएं.

मूलांक 8- यह शनि प्रधान व्यक्ति होते हैं.

इनको काम करने की बुरी लत होती है , अपने प्यार

या जीवन साथी का साथ नहीं देते है

इनकी सिर्फ 4 ,5 ,6 8 से पटती है

उपाय- शनिवार को काली उड़द दान करें.

मूलांक 9- यह मंगल प्रधान व्यक्ति होते हैं

अनुशासन को मानने वाले ,रौबीले व्यक्ति होते हैं

आत्मविश्वास बहुत होता है ,सच्चे दोस्त या जीवन साथी होते हैं

कभी धोखा नहीं देते हैं लेकिन बचके रहना -राहु की दृष्टि मंगल पर है

इनकी 1 ,2 ,3 ,7 ,9  से पटती है

उपाय- लाल वस्त्र पहनें.

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लोगों का ऐसा मानना है कि हर व्यक्ति के एक ईष्टदेव या देवी होते हैं. इनकी उपासना करके ही व्यक्ति जीवन में उन्नति कर सकता है. इनका निर्धारण लोग कुंडली के आधार पर करते हैं. वास्तव में ग्रहों का और ज्योतिष का ईष्टदेव से सम्बन्ध नहीं होता है. आपके ईष्टदेव या देवी का निर्धारण आपके जन्म जन्मान्तर के संस्कारों से होता है. बिना किसी कारण के ईश्वर के जिस स्वरुप की तरफ आपका आकर्षण हो, वही आपके ईष्ट देव हैं. ग्रह कभी भी ईश्वर का निर्धारण नहीं कर सकते. ग्रहों की समस्या को दूर करने के लिए विशेष देवी देवताओं की उपासना की जा सकती है.

किस ग्रह की समस्या के लिए किस देवी देवता की उपासना करें?

– सूर्य के लिए या तो सूर्य की ही उपासना करें

– या गायत्री मंत्र की साधना करें

– चन्द्रमा के लिए भगवान शिव की उपासना करना उत्तम होगा

– मंगल के लिए कुमार कार्तिकेय या हनुमान जी की उपासना करें

– बुध के लिए माँ दुर्गा की उपासना करें

– बृहस्पति के लिए श्रीहरि की उपासना करें

– शुक्र के लिए माँ लक्ष्मी या माँ गौरी की उपासना करें

– शनि के लिए श्रीकृष्ण या भगवान शिव की उपासना करें

– राहु के लिए भैरव बाबा की उपासना करें

– केतु के लिए भगवान गणेश की उपासना करें

अपनी विशेष समस्याओं के लिए किस देवी देवता की उपासना करें?

– मानसिक समस्याओं के निपटारे के लिए शिवजी की उपासना करें

– शारीरिक दर्द और चोट चपेट की समस्या के लिए हनुमान जी की उपासना करें

– शीघ्र विवाह के लिए पुरुष माँ दुर्गा उपासना करें

– शीघ्र  विवाह के लिए स्त्रियां भगवान शिव की उपासना करें

– बाधाओं के नाश के लिए भगवान गणेश की पूजा करें

– धन के लिए माँ लक्ष्मी की उपासना करें

– मुक्ति मोक्ष या आध्यात्मिक उपलब्धि के लिए भगवान कृष्ण या भगवान शिव की उपासना करें

किस देवी या देवता की उपासना सबके लिए उत्तम है?

– शरीर और मन शुद्ध रखने के लिए सूर्य की उपासना सर्वोत्तम है

– हर व्यक्ति को नियमित रूप से सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए

– या उगते सूर्य की रौशनी में खड़ा होना चाहिए

– इससे शरीर में स्थिति नाड़ियों और ग्रहों को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है

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हर ग्रह शरीर के किसी खास हिस्से से सम्बन्ध रखता है. इसके अलावा शरीर के किसी तत्व को भी प्रभावित करता है. अगर कोई ग्रह कमजोर हो जाता है तो शरीर के उस हिस्से में समस्या आ जाती है.

किसी ग्रह के खराब होने पर शरीर का तत्व बिगड़ जाता है और शरीर में लम्बे समय तक के लिए समस्या पैदा हो जाती है. ग्रहों के स्वभाव, रंग और तरंग को समझकर हम अपनी शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं.

हड्डियों के रोग के पीछे कौन सा ग्रह होता है?

– हड्डियों के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदारी सूर्य की होती है.

– अगर सूर्य कुंडली में कमजोर है तो हड्डियों की समस्या होगी ही.

– इसके अलावा चन्द्र और बृहस्पति भी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं.

– शनि के कारण भी हड्डियों की समस्या होती है, और यह सबसे ज्यादा गंभीर होती है.

अगर सूर्य के कारण हड्डियों की समस्या हो तो क्या उपाय करें?

– सूर्य के कारण आम तौर पर रीढ़ की हड्डी की औए पीठ दर्द की समस्या होती है.

– इसके कारण सर्वाइकल और स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या जल्दी हो जाती है.

– इसके कारण व्यक्ति को बार-बार चक्कर आते हैं और आलस्य छाया रहता है.

– सूर्य के कमजोर होने पर हड्डियों की मजबूती भी कम हो जाती है.

उपाय

– नित्य प्रातः सूर्य को, रोली मिला हुआ, जल अर्पित करें.

– लोटे के किनारे लगी हुयी रोली का तिलक लगाएं.

– घर के ऐसे कमरे में रहें, जहां सूर्य का पर्याप्त प्रकाश आता हो.

चन्द्रमा के कारण हड्डियों की समस्या के उपाय क्या हैं?

– इसके कारण शरीर में कैल्शियम कम हो जाता है अतः हड्डियों में दर्द होता रहता है.

– चन्द्रमा के कारण आम तौर पर शरीर में दर्द स्थिर नहीं रहता.

– शरीर में हर जगह दर्द होता रहता है.

– आम तौर पर हड्डियों में अकड़न सी बनी रहती है.

उपाय

– हरी इलाइची का चूर्ण सुबह-सुबह शहद के साथ ग्रहण करें.

– प्रातःकाल नाश्ते के साथ दूध जरूर पियें, रात को दूध पीने से बचें.

– चांदी का मोटा सा छल्ला दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण करें.

बृहस्पति के कारण हड्डियों की समस्या हो तो क्या उपाय करें?

– बृहस्पति के कारण शरीर में फैट बढ़ जाता है.

– मोटापे की वजह से पैरों में खास समस्या हो जाती है.

– इसके कारण घुटने, पंजों और और पिंडलियों में समस्या बनी रहती है.

कहीं इस गलती की वजह से तो नहीं झड़ रहे हैं आपके बाल?

उपाय

– ऐसी दशा में एकादशी का व्रत जरूर रखें.

– भोजन में हल्दी और दालचीनी का प्रयोग जरूर करें.

– स्वर्ण और पीला रंग कम से कम धारण करें.

शनि के कारण हड्डियों की समस्या हो तो क्या उपाय करें?

– शनि के कारण हड्डियों के साथ-साथ, स्नायु तंत्र की समस्या भी हो जाती है.

– शनि के कारण दुर्घटना में हड्डियों की समस्या हो जाती है.

– इसके कारण जो भी हड्डियों के रोग होते हैं वो लम्बे समय तक चलते हैं.

– कभी-कभी पक्षाघात के कारण भी समस्या हो जाती है.

रिश्ते से खुश नही हैं तो करें ये 3 काम!

उपाय

– ऐसी दशा में शनिवार शाम को छाया दान करें

– रोज प्रातः एक बार हनुमान बाहुक का पाठ करें

– माह में एक बार हनुमान जी का पूर्ण श्रृंगार जरूर कराएं

अगर आप किसी भी प्रकार की जानकारी चाहते है तो संपर्क करे हमारे विशेषज्ञ पंडित जी से | अगर किसी भी तरह की परेशानी है, जिस से आप मुक्ति चाहते है,या आपके जीवन, कुंडली से सम्बंधित जानकारी चाहते है, तो सलाह ले हमारे जाने माने ज्योतिषीय सलाहकारों से कॉल करे (Call Us) +91 9009444403 या हमे व्हाट्सएप्प (Whatsapp) पर सन्देश (Message) भेजे एवं जानकारी प्राप्त करे |

नोट:- सलाह शुल्क सिर्फ ५०० रुपये| (Consultancy Fee Rs 500)


धन और वैभव की कामना हर इंसान के मन में होती है और इसे पाने के लिए वो लगातार प्रयास भी करता है लेकिन हर किसी के जीवन में मां लक्ष्मी की कृपा नहीं होती.

ज्योतिष के जानकारों की मानें तो मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए उनको प्रसन्न करना जरूरी है और ये भी कहा जाता है कि धन की ये देवी आसानी से प्रसन्न नहीं होती हैं. आइए जानते हैं लक्ष्मी प्राप्ति के लिए घर में किन पांच चीजों को जरूर रखना चाहिए.

शंख-

– शंख मुख्य रूप से एक समुद्री जीव का ढांचा होता है.

– पौराणिक रूप से शंख की उत्पत्ति समुद्र से मानी जाती है.

– कहीं-कहीं पर इसको लक्ष्मी जी का भाई भी मानते हैं.

– कहते हैं जहां शंख होता है वाहन लक्ष्मी जरूर होती हैं.

– मंगल कार्यों के अवसर पर और धार्मिक उत्सवों में इसको बजाना शुभ माना जाता है.

– शंख कई प्रकार के होते हैं पर मुख्य रूप से बाईं ओर खुलने वाले   (वामावर्ती) शंख प्रचलन में दिखते हैं.

– मध्यावर्ती शंख और दक्षिणावर्ती शंख दुर्लभ होते हैं और इनका प्रयोग विशेष लाभदायक माना जाता है.

– पूजा के स्थान पर सफेद रंग का शंख रखने और प्रयोग करने से लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी.

गुलाब-

– गुलाब की सुगंध और गुलाब का फूल दोनों ही मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय हैं.

– नियमित रूप से मां लक्ष्मी को इत्र या गुलाब अर्पित करने से कारोबार अच्छा होता है.

– गुलाब की पंखुड़ियों से मां लक्ष्मी का अभिषेक करने से कर्ज दूर होते हैं

– हर शुक्रवार को मां लक्ष्मी को गुलाब की माला अर्पित करने से दरिद्रता का नाश होता है.

स्फटिक की माला-

– स्फटिक, शुक्र ग्रह से संबंध रखता है और वैभव का प्रतीक है.

– मां लक्ष्मी के मन्त्रों का जाप स्फटिक की माला से ही करना चाहिए.

– मां लक्ष्मी को भी स्फटिक की माला अर्पित करनी चाहिए और स्वयं भी धारण करना चाहिए.

– इससे दैनिक जीवन में धन आता रहेगा.

घी का दीपक-

– मां लक्ष्मी की पूजा के समय घी का दीपक जलाना चाहिए.

– यह दीपक चार मुखी हो तो अत्यंत उत्तम होगा.

– इसे सफेद धातु या मिट्टी के दीपक में प्रज्ज्वलित करें.

– शाम के समय पूजा स्थान पर घी का दीपक जलाने से घर में धन की बर्बादी नहीं होती.

श्रीहरि विष्णु-

– मां लक्ष्मी की कृपा बिना श्री हरि के नहीं मिल सकती.

– घर के मुख्य पूजा स्थान पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का चित्र या मूर्ति स्थापित करें.

– नियमित रूप से इनकी उपासना करें.

– घर में रहने वाले सभी लोगों को धन का लाभ होगा और आपसी सौहार्द बना रहेगा.

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पांच तरह की विशेष चीज़ों को मिलाकर पंचामृत का निर्माण किया जाता है. वे चीजें हैं – दूध, दही, मधु, शक्कर, घी. अलग अलग तरह से पंचामृत देवी देवताओं को अर्पित करने और निर्माण करने की परंपरा है परन्तु मुख्य रूप से श्री हरि की पूजा में इसका विशेष प्रयोग होता है. बिना पंचामृत के श्री हरि या इनके अवतारों की पूजा नहीं हो सकती. पंचामृत के विशेष प्रयोग से तमाम समस्याएँ दूर की जा सकती है.

पंचामृत में पड़ने वाली चीज़ों का महत्व क्या है?

दूध

– शरीर को पुष्ट करता है

– शरीर के अन्दर के विष को दूर करता है

– मन को शांत करके तनाव दूर करता है

दही

– पाचन तंत्र मजबूत करता है

– एकाग्रता को बेहतर करता है और सुख की वृद्धि करता है

– त्वचा और चेहरे को कांतिवान बनाता है

मधु (शहद)

– शरीर से अतिरिक्त चर्बी हटाता है

– आध्यात्म भाव को और धर्म के प्रति झुकाव को मजबूत करता है

– परिवार के लोगो  के साथ सम्बन्ध मजबूत करता है

शक्कर

– ऊर्जा का स्तर बनाये रखता है , आलस्य कम करता है

– वाणी को मधुर करता है और अनुशासित रखता है

– नींद की समस्या को दूर करता है

घी

– शरीर को बल और पुष्टि देता है

– हड्डियों को मजबूत बनाये रखता है

– नेत्र ज्योति बनाये रखता है

किस प्रकार करें पंचामृत का प्रयोग?

– पंचामृत का निर्माण सूर्यास्त के पूर्व करें

– दूध के लिए गाय का दूध प्रयोग करना ज्यादा उत्तम होगा

– पंचामृत बन जाने के बाद इसमें तुलसी दल और गंगाजल भी डालें

– अगर  शालिग्राम है तो उसे पंचामृत में स्नान कराएँ

– अन्यथा एक चांदी का सिक्का डालें, और भाव लें की इसके माध्यम से श्री हरि को स्नान करा रहे हैं

– अब श्री हरि को स्मरण करके पंचामृत ग्रहण करें

– पंचामृत दोनों हाथों से ग्रहण करें

– इसको भूमि पर न गिरने दें

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