आज हम आपको बताएँगे की अपने पूजा घर को किस प्रकार से अच्छा बना सकें जिस कारण कोई भी देवी-देवता आपसे नाराज़ ना हो| ऐसे बहुत से छोटे-छोटे काम हम करते हैं जिनसे देवी-देवता हम नाराज़ हो सकते हैं| पूजा करने से ही देवी-देवता हमारे सारी मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं| वैसे तो हम मंदिर बहुत कम जातें हैं और अगर हम अपने घर के मंदिर को अच्छे से ना रखें तो तो भगवान रुष्ठ तो होंगे ही ना|
इसलिए चलिए आज हम आपको आपके पूजा-घर के लिए ऐसी छोटी बातें बताएँगे जो आपको याद रखनी चाहिए और करना चाहिए ताकि आप घर पे पूजा करके भी पुण्य कमा सकें|
१) सभी के घर या ग्रामीण मे कोई-ना-कोई कुल देवी-देवता ग्राम के देवी-देवता होते हैं| इसलिए जब भी आप पूजा करें तो अपने कुल के देवी-देवता या ग्राम के देवी देवता का ध्यान और पूजा अवश्य करना चाहिए|
२) जब भी हम पूजा शुरू करें उससे पहले हमेशा याद रखें की हम सबसे पहले सारे देवी-देवता को आमंत्रित करें | तद्पश्च्यात उन्हें आसन दें, उन्हें शुध्ध जल से स्नान कराएँ, कुमकुम-तिलक लगाएँ, फूल-फल को समर्पित करें और उनकी आरती करें| उसके पाश्चयात उनका कुछ देर तक ध्यान करें ताकि उस जगह पे उपस्थित सारी सकारात्मक उर्जा को आप अपने अंदर महसूस करें|
३) पूजन करने के दौरान हम जिस आसन पे बैठतें हैं उसे कभी भी अपने पैरों से इधर-उधर ना करें उसे हटाना हो तो हाथ से उसे एक तरफ कर दें|
४) पूजा के दौरान हम बहुत सारे चीज़ें बार-बार उपयोग करते हैं लेकिन उस सभी चीज़ों मे सिर्फ़ और सिर्फ़ जंगाजल, तुलसी, कमल के फूल और बिल्वपत्र ये चार चीज़ें ही आप बार-बार उपयोग कर सकते हैं| ये कभी भी बासी नही होती हैं|
५) हम हमेशा से या तो घी या तेल का प्रयोग हम दियों को जलाने मे उपयोग करते हैं| लेकिन हमें हमेशा घी और तेल दोनो का प्रयोग करना चाहिए| घी से जल रहे दिये को दाहिने हाथ की और तेल से जल रहे दिये को अपने बाएँ हाथ की तरफ रखना चाहिए|
६) घर के वास्तु को ठीक करने के लिए हमें हमेशा घर मे घी के दिये जलाना चाहिए जो पूरे दिनभर जलना चाहिए| ये इसलिए होता है क्योंकि जब घर मे घी के दिये जलते हैं तब उसके धुएँ से सारी नकारात्मक उर्जा नष्ट हो जाती हैं|
७) हमारे संस्कृति मे कुछ देवी देवताओं की पूजा सबसे पहले की जाती हैं| भगवान श्री गणेश, सुर्यदेव, माँ दुर्गा, भगवान शिव और श्री हरी की पूजा सबसे पहले की जाती है किसी भी शुभ काम से पहले| इसलिए हमेशा ध्यान रखें की सर्वप्रथम हमें इनकी पूजा करनी चाहिए|
८) सर्वप्रथम जब भी हम इन पाँच देवी-देवता की पूजा करें तब हम उन्हें उनके अनुसार ही वस्त्र को अर्पित करें| भगवान शिव को सफेद, श्री हरी को पीले रंग का वस्त्र अर्पित करें| भगवान श्री गणेश, माँ दुर्गा व सूर्य देव को लाल रंग का वस्त्र अर्पित करें|
९) पूजा के लिए हमेशा पीले चावल का प्रयोग करें और ये ध्यान रहें की जो भी चावल का उपयोग हम करें वो अखंडित हो ना की टूटा हुआ|
१०) पूजा मे हमेशा ही पान का उपयोग करें| ध्यान रहे की पान के पत्ते के साथ इलायची, लोंग, गुलकंद इत्यादि चीज़ें चढ़ाना चाहिए| और अगर इन सारी चीज़ों को एक साथ मिला के पान के साथ चढ़ाया जाए तो ये सबसे सर्वश्रेष्ठ सिध्ध होता है|
११) हमेशा ये बात ध्यान रहें की आपके घर के पूजन कक्ष या मंदिर मे कोई भी कबाड़ या बेकार चीज़ें या कोई भी भारी समान ना रहें| साथ ही ये भी ध्यान रहें की हर रोज पूजन कक्ष की साफ-सफाई भी होनी चाहिए|
१२) जब भी हम पूजा करें तो ये बात ध्यान रखें की हम किन चीज़ों का प्रयोग करना चाहिए और किन चीज़ों का प्रयोग नही करना चाहिए देवी-देवताओं के सामने| भगवान शिव को केतकी के फूल और तुलसी के पत्तों को नही अर्पण करना चाहिए| भगवान सूर्य को अगस्त्य का फूल और श्री गणेश को तुलसी के पत्तों का अर्पण नही करना चाहिए|
१३) वायु पुराण के अनुसार कभी भी कोई भी व्यक्ति बिना नहाए फूल या पत्तों का ना तोड़े इस बात का बिल्कुल ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि उनके द्वारा तोड़ा गया कोई तत्व भगवान ग्रहण नही करते हैं|
१४) हम हमेशा पूजा के दौरान तिलक या कुमकुम का उपयोग करते हैं | इसलिए जब भी हम तिलक, कुमकुम, चंदन, गुलाल इत्यादि चीज़ों को भगवान को अर्पण करें तो हमेशा अपने अनामिका अंगुली का प्रयोग करें| किसी और अंगुली का प्रयोग ना करें|
१५) पूजन के दौरान ये बातें हमेशा ध्यान रखें की देवी-देवताओं के सामने धूप और दीप का प्रयोग अवश्य करें| उन्हें नवेदयम अर्पण करें| ये बात ज़रूर ध्यान रखें की जो दीप जल रहें हैं उन्हें आप नही बुझाएँ|
१६) अगर आपके घर मे शिवलिंग है तो ध्यान रखें की शिवलिंग पे हल्दी का उपयोग ना करें| और ये बात भी ध्यान रहें की उन पे शंख से जल नही चढ़ाया जाय| हाँ आप अगर हल्दी को चढ़ाना चाहते हैं तो जलाधारी शिवलिंग पर चढ़ा सकतें हैं|
१७) पूजन स्थल पे कभी भी चप्पल का प्रयोग ना करें और ना ही चमड़े का बेल्ट और पर्स को पूजा के दौरान रखें|
१८) अगर आप अपने पूजा के दौरान श्री गणेश की 3, भगवान सूर्य को 7, भगवान श्री हरी की 4, शिवजी की आधी, हनुमान जी की 3 बार परिक्रमा करेंगे तो आपको पूजा का बेहतर परिणाम मिलेगा|