ॐ एक ऐसा शब्द, एक ऐसा उच्चारण जिसके अर्थ में इस पुरे ब्रह्मांड का अर्थ समाहित है। ॐ जो तीन अक्षरों से मिलकर बना है, अ, उ तथा म जिसके उच्चारण मात्र से जीवों के सभी कष्टों का अंत होता है। आज हम इस ॐ के महत्त्व के बारे में जानेंगे।
कभी हमने सोचा है की एक छोटे ॐ सभी मन्त्रों का सार को समाहित किये हुए है। इसके तीन अक्षर के अलग-अलग महत्त्व है। अ जिसका अर्थ है उत्पन्न होना, उ जिसका अर्थ है उठना तथा म का अर्थ है मौन होना अर्थात ब्रह्म में लीन हो जाना। इसलिए जब भी हम ॐ का उच्चारण करते हैं तो हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है। नया-नया महसूस होता है।
ॐ के उच्चारण के फायदे:
मानसिक तौर पे थके होना:
यदि हम मानसिक रूप से थके हुए हैं या किसी सही काम के प्रति यदि अपने अंदर घबराहट होती है तो “ॐ” का उच्चारण करने से ये तकलीफें ख़त्म होती है।
तनाव का होना:
तनाव आज के इस भाग दौर भरी जिंदगी में आम बीमारी हो चुकी है। हमने प्रायः देखा है बच्चे पढाई का तनाव सह नहीं पाते, बड़े काम के तनाव में हमेशा झगड़े करते रहते है घर में इत्यादि। इसलिए यदि तनाव ज्यादा है या नींद नहीं आ रही है तो उस समय “ॐ” का उच्चारण करें, तनाव दूर हो जाएगी।
रक्तचाप:
इस शब्द के उच्चारण से ह्रदय तथा खून के प्रभाव संतुलित रहते हैं।
पाचन क्रिया:
यदि पाचन क्रिया सही नहीं होती तो इस शब्द के उच्चारण से पाचन क्रिया दुरुस्त होती है और सकारात्मक प्रभाव होता है।
थायरॉइड ग्रंथि:
यदि किसी को थायरॉइड ग्रंथि या उससे सम्बंधित समस्या है तो ॐ का उच्चारण करना सर्वोत्तम साबित हो सकता है। तथा यदि अजीब सा कम्पन यदि गले और स्वर से आती है तो भी असरदार साबित होता है।
प्राणायाम:
यदि फेफड़े मजबूत करना है तो प्राणायाम के साथ ॐ का उच्चारण करें, इससे फेफड़े मजबूत होते है तथा रीढ़ की हड्डी के लिए भी ये उत्तम है।
स्फूर्ति और शक्ति के लिए:
यदि काम का बोझ ज्यादा हो या किसी कारन से थकान ज्यादा हो रहा है तो अपने आँखों को बंद कर एकाग्र भाव से ॐ का कुछ समय तक उच्चारण करें, इससे थकान ख़त्म होगा और आप अपने अंदर स्फूर्ति तथा ऊर्जावान महसूस करेंगे।