भारतीय संस्कृति मे भोजन हाथो से क्यो ग्रहण करते है? क्या है इसके लाभ ?

आज हम आपको हाथ से खाने के संबंध के बारे मे बताएँगे| हमारे संस्कृति मे हाथ से खाना खाना एक परंपरा हैं | हाथ से खाना खाने के बहुत से कारण हैं| लेकिन पाश्चात्य संस्कृति को देखते हुए हमारे भारत के लोग भी छुरी, चम्मच, काटें वालें वस्तुओं का प्रयोग करने लगें है क्योंकि पाश्चात्य संस्कृति के अनुसार अगर हाथ से खाना खाना हाइजिनिक नही माना जाता है| लेकिन उन लोगों को नही पता हैं की हाथ से खाना खाने से कितने लाभ हैं|

१) हाथों मे हैं प्राण शक्ति और ऊर्जा :

   हाथ से भोजन करने का उद्भव आयुर्वेद की शिक्षाओं के बाद हुआ था। वैदिक काल से लोग जानते थे कि मानव शरीर की प्राण ऊर्जा हाथों में ही है। जीवन को जीने के लिए जीतने भी तत्व हैं सब-के-सब हमारे हाथों और पैरों मे पाए जातें है। आयुर्वेद विज्ञान के अनुसार हमारी प्रत्येक अंगुली किसी ना किसी विशिष्ट तत्व का प्रतिनिधित्व करती है। हमारे हाथों की सारी अंगुलियों का नाम के साथ-साथ अलग पहचान भी हैं| हमारे हाथ का अंगूठा आकाश, तर्जनी अंगुली हवा, मध्य अंगुली अग्नि, अनामिका अंगुली पृथ्वी और सबसे छोटी अंगुली जल का प्रतीक होता हैं| इसलिए अगर हम हाथ से खाना खाते हैं तो हमारे शरीर मे पन्च महाभूत तत्वों की ऊर्जा हमारे अंदर आती हैं| अगर किसी कारण वश कोई भी तत्व का असंतुलन होता हैं तो ये बीमारी का कारण भी बन सकता हैं|

मुद्रा तो हम जानते हैं जिसका प्रयोग हम योग और नृत्य मे करतें हैं| प्रत्येक मुद्रा के अलग-अलग लाभ भी होते हैं| इसलिए जब हम हाथ से भोजन को ग्रहण करते हैं उस वक्त हम अपने सारी अंगुलियों को मिलाकर भोजन को ग्रहण करते हैं जिसे हस्त- मुद्रा कहते हैं| हस्त मुद्रा का जब हम प्रयोग करते हैं तो ये हमारे शरीर को निरोग बनाने का काम करता हैं| इसलिए जब हम सारे तत्व को मिला के भोजन करते हैं तो इससे पन्च तत्वों की ऊर्जा भोजन के साथ हमारे शरीर के अन्दर प्रवेश करती हैं और हमारे शरीर को स्वास्थ्यप्रद  बनाने का काम करती हैं|

२) पाचन शक्ति मज़बूत होती हैं:

   स्पर्श हमारे शरीर का सबसे ताकतवर और सबसे ज़्यादा अनुभव होने वाला  भाग हैं| हमे बचपन से ही स्पर्श को अनुभव करने की शक्ति होती हैं| जब कोई बच्चा रोता हैं और अगर उसे उसकी माँ ने स्पर्श किया या उसे गोद लिया तब वो बच्चा तुरंत ही चुप हो जाता है क्योंकि उसे अनुभव होता हैं की उसकी माँ उसके साथ है| ठीक उसी प्रकार जब हम हाथों से भोजन ग्रहण करना शुरू करते हैं तो हमारा दिमाग़ हमारे आमाशय या पेट को ये सूचित करता हैं की हम भोजन को ग्रहण करने वालें हैं| जिसके कारण हमारा पाचन तंत्र पाचन रसायन को स्रावित करने लगता हैं और हमारा खाना आसान रूप से पच जाता हैं|

३) तापमान संवेदक:

   हमारे हाथ को तापमान के लिए अच्छा संवेदक माना जाता हैं| ऐसा इसलिए कहा जाता हैं क्योंकि जब हम भोजन को ग्रहण करना शुरू करतें हैं तब हम भोजन को स्पर्श कर के महसूस कर सकतें हैं की भोजन का तापमान कितना हैं मतलब भोजन कितना गर्म हैं| हमारे आस-पास के वातावरण और शरीर के मुताबिक भोजन ग्रहण करने योग्य हैं या नहीं| ये हमारे शरीर के लिए फयदेमंद होता हैं|

४) एकाग्रता का बढ़ना:

  जब हम हाथों से भोजन को ग्रहण करते हैं तब हमारा पूरा ध्यान खाने पे रहता है| उस पे ध्यान केंद्रित करना पड़ता हैं| इससे हमारा ध्यान और एकाग्रता बढ़ता हैं| इस कारण वश चम्मच और काटें से खाना खाना नुकसान दायक हैं| इसी प्रकार खाना खाने के बहुत से लाभ है|
 ये इसलिए होता है क्योंकि प्रकृति ने हमारे हाथों की संरचना ही कुछ इस प्रकार की है कि कुछ भी खाने से संबंधित चीज़ें हमारे शरीर मे सीमित और जरूरी मात्रा में ही जाएँ|