हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, भगवन विष्णु कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को योग निद्रा से बाहर आते हैं। इसलिए इस दिन को देवउठनी या देवप्रबोधिनी कहा जाता है। इस साल यह एकादशी 10 नवम्बर, गुरुवार को है। इसलिए हमारे शास्त्रों में कहा गया है की इस दिन विशेष उपाय करके पूजा करने से साडी मनोकामनाएं पूरी होती है और सारे बाधा दूर हो जाती है। चलिए ऐसे कुछ उपायों को जाने:
१) देवप्रबोधिनी एकादशी को प्रातः काल उठकर, स्नान करके भगवन विष्णु को केसर युक्त दूध से अभिषेक करें।
२) अगर आप चाहते है की धन में लाभ हो तो इस एकादशी के दिन भगवन विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करें। इससे माता लक्ष्मी की भी कृपा रहेगी।
३) शास्त्रों के अनुसार पीपल के वृक्ष में भगवन विष्णु का वास मन गया है। इसलिए इस एकादशी के दिन पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करें, इससे कर्ज से मुक्ति होती है।
४) देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी की माला से भगवन विष्णु का ध्यान करें “ॐ नमो वासुदेवाय नमः” मंत्र के द्वारा। मंत्र का जाप करते वक्त पवित्रता का पूरा ध्यान रखें।
५) इसी एकादशी की शाम तुलसी के वृक्ष के सामने घी (गाय का) का दीपक प्रज्वलित करें और “ॐ नमो वासुदेवाय नमः” मंत्र का जप करें और जप करते वक्त तुलसी के वृक्ष की परिक्रमा करें। ऐसा करने से घर में सुख- शांति बानी रहेगी और कोई भी संकट नहीं आएगा।
६) इस दिन भगवन विष्णु को पिले रंग का पुष्प जरूर अर्पित करें, क्योंकि भगवान वासुदेव को पिला रंग बहुत पसंद है।
७) इसी दिन स्नान और पूजा करने के बाद श्रीमद्भागवत अवश्य करें|
८) एकादशी के दिन पिले रंग का पुष्प अर्पित करें , कपड़े व आनाज भी। बाद में ये सारी चीजें गरीबों को दान कर दें।
९) एकादशी के दिन दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करनी चाहिए, इससे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है। इससे धन का लाभ होता है।
१०) एकादशी के दिन श्री वासुदेव को खीर का भोग लगाएं जिसमें तुलसी के पत्ते भी डालें। इससे घर में शांति बानी रहती है।
११) सुहागिन स्त्रियों को अपने घर एकादशी में बुलाकर उन्हें फलाहार करवाएं और उन्हें सुहाग की सामग्री भी भेंट करें।